Move to Jagran APP

जानिए, कौन हैं मुजफ्फर हुसैन बेग और क्यों हैं चर्चा में

Muzaffar Hussain Baig. पीडीपी के संस्थापक सदस्यों में शामिल मुजफ्फर हुसैन बेग तीसरे मोर्चे में जाने की इच्छा जता, फिर सुर्खियों में आ गए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Wed, 21 Nov 2018 03:23 PM (IST)Updated: Wed, 21 Nov 2018 03:53 PM (IST)
जानिए, कौन हैं मुजफ्फर हुसैन बेग और क्यों हैं चर्चा में
जानिए, कौन हैं मुजफ्फर हुसैन बेग और क्यों हैं चर्चा में

श्रीनगर, जेएनएन। जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर गठबंधन सरकार के गठजोड़ के लिए शुरू हुई उठापटक के बीच पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के संस्थापक सदस्यों में शामिल मुजफ्फर हुसैन बेग तीसरे मोर्चे में जाने की इच्छा जता, फिर सुर्खियों में आ गए हैं। वह पीडीपी छोड़ते हैं या नहीं, लेकिन उनका बयान रियासत की सियासत के लिए बहुत अहम है और उन्हें किसी भी तरह से हल्के में नहीं लिया जा सकता।

loksabha election banner

उत्तरी कश्मीर में जिला बारामुला के वादिना गांव में पैदा हुए मुजफफर हुसैन बेग का सियासी कैरियर भी लगभग 50 साल पुराना है। उनकी सियासत पूरी तरह कश्मीर केंद्रित रही है और वह अपने छात्र जीवन में अल-फतह जैसे संगठन के साथ भी जुड़े रहे। उन्होंने पीपुल्स कांफ्रेंस के संस्थाक स्व अब्दुल गनी लोन के साथ मिलकर कश्मीर में जनता दल के लिए जमीन भी तैयार की थी। राजनीति में पूरी तरह सक्रिय होने से पूर्व वह 1987 से 1989 तक राज्य के महाधिवक्ता भी रहे हैं। वर्ष 1999 में जब स्व मुफ्ती मोहम्मद सईद ने उनके साथ मिलकर ही पीपुल्स डेमोक्रेटिक पाटी की नींव तैयार की।

खुद बेग ने कई बार सार्वजनिक मंचों पर कहा है कि पीडीपी का संविधान उन्होंने ही लिखा है। यही बात पीपुल्स कांफ्रेंस के संविधान के बारे में भी कही जाती है और बेग व लोन परिवार के रिश्ते भी जगजाहिर हैं। बेग ने दो शादियां की हैं। पहली पत्नी से उनका तलाक हो चुका है और दूसरी पत्नी सफीना बेग भी वकील हैं और इन दिनों पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला इकाई की अध्यक्षा हैं। बेग ने वर्ष 2002 और 2009 में पीडीपी के टिकट पर बारामुला से चुनाव जीता। मुफ्ती मोहम्मद सईद के नेतृत्व जब पीडीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार ने वर्ष 2002 में जम्मू-कश्मीर में सत्ता संभाली तो बेग उसमें वित्तमंत्री थी। इसके बाद वर्ष 2005 में जब गुलाम नबी आजाद मुख्यमंत्री बने तो बेग को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था।

मुजफ्फर हुसैन बेग ने वर्ष 2014 में उत्तरी कश्मीर की एक मात्र संसदीय सीटा बारामुला-कुपवाड़ा से लोसभा का चुनाव लड़ा और जीता। वह पीडीपी में बीते कुछ समय से लगातार खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे थे। कई बार उन्होंने इसका संकेत भी दिया और कई बार खबरें भी आई कि उन्होंने खुद को पीडीपी से अलग कर लिया है। पीडीपी में उनके प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस जून माह के दौरान भाजपा-पीडीपी का गठबंधन भंग होने के बाद जब पीडीपी में विभाजन अवश्यंभावी लग रहा था तो बेग की महबूबा मुफ्ती से हुई एक बैठक के बाद विभाजन की खबरें लगभग थम गई। बागी विधायकों में से अधिकांश शांत हो गए और पीडीपी की गतिविधियों में नजर आने लगे।

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीरः पीडीपी में बगावत, सरकार बनाने में जुटा तीसरा मोर्चा, जानिए क्या है फॉर्मूला?

 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.