बिहार में सियासी पोस्टर वार का नया एडिशन- अब राक्षस पर सवार दिखे तेजस्वी-लालू
बिहार में ढ़ाई महीने से जेडीयू व आरजेडी के बीच पोस्टर वार जारी है। इन पोस्टरों का जनता खूब मजे ले रही है। इसी कड़ी में सोमवार को जेडीयू ने आरजेडी के खिलाफ नया पोस्टर जारी किया।
पटना, जेएनएन। बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) से पहले जारी पोस्टर वार (Poster War) में अब जनत दल यूनाइटेड (JDU) का नया एडिशन सामने आया है। जेडीयू के पक्ष में जारी इस पोस्टर में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) के बेटे व बिहार विधानसभा (Bihar Assembly) में नेता प्रतिपक्ष (Leader of Opposition) तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) की 'बेरोजगारी हटाओ यात्रा' पर सवाल खड़े करते हुए उनकी बस को राक्षस (Monster) की तरह दिखाया गया है। पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी ने इसे जेडीयू की हताशा का परिणाम बताया है।
ढ़ाई महीने से सियासी पोस्टर वार जारी
ज्ञात हाे कि बिहार में करीब ढ़ाई महीने से सियासी पोस्टर वार (Political Poster War) जारी है। इस जंग में बतौर मुख्य खिलाड़ी जेडीयू व आरजेडी हैं, लेकिन कभी-कभी कांग्रेस (Congress) सहित अन्य दलों की भी एंट्री होती रही है। हाल की बात करें तो शनिवार की देर शाम कांग्रेस ने अपना पोस्टर जारी की केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) पर आरक्षण (Reservation) समाप्त करने की साजिश का आरोप लगाया। साथ ही यह भी कहा कि जब-जब भारतीय जनता पार्टी (BJP) व नीतीश (Nitish Kumar) साथ रहे, ऐसी साजिशें होती रहीं हैं। इसके पहले जेडीयू व आरजेडी के एक-दूसरे को निशाना साधते पोस्टर लगातार जारी होते रहे हैं। जेडीयू का सोमवार का पोस्टर इसी की कड़ी है।
तेजस्वी की यात्रा के बस पर किए सवाल
जेडीयू के नए पोस्टर में तेजस्वी यादव की उस बस (Bus) पर सवाल खड़े किए गए हैं, जिससे वे अपनी 'बेरोजगारी हटओ यात्रा' पर निकलने वाले हैं। राक्षस की तरह दिखाए गए इस बस पर तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव खड़े हैं। पोस्टर पर उस अतिपिछड़ा व्यक्ति को भी दर्शाया गया है जो गरीबी रेखा ने नीचे की सूची (BPL) में होते हुए भी बस का मालिक (Bus Owner) है। जेडीयू ने इसे एक अति पिछड़ा के साथ आर्थिक जालसाजी (Economic Fraud) बताते हुए अति पिछड़ा वर्ग की राजनीति को गर्म करने की कोशिश की है।
विदित हो कि तेजस्वी की रथयात्रा वाली बस एक अति पिछड़ा व्यक्ति के नाम पर एक पूर्व विधायक (Ex MLA) ने खरीदी है। जेडीयू नेता व मंत्री नीरज कुमार (Niraj Kumar) ने इसका खुलासा करते हुए तेजस्वी यादव व आरजेडी से जवाब मांगा था। इसपर बस मालिक ने खुद को ठेकेदार (Contractor) व आयकर (Income Tax) दाता बताते हुए जेडीयू नेता के आरोपों को गलत बताया था।
पोस्टर पर बोला आरजेडी: हताशा दिखा रहा जेडीयू
पोस्टर पर प्रतिक्रिया देते हुए आरजेडी नेता मृत्युंजय तिवारी (Mritunjay Tiwari) ने कहा कि जेडीयू के पास कहने को कुछ बचा नहीं है, वह तेजस्वी की बेरोजगारी हटाओ यात्रा से घबरा कर सवाल खड़ा कर रहा है। जब बस के बारे में पहले ही बताया जा चुका है कि उसका मालिक गरीबी रेखा के नीेचे का व्यक्ति नहीं, आयकर दाता ठेकेदार है, तब ऐसी बात क्यों कही जा रही है?
इसके पहले कांग्रेस ने खेला आरक्षण कार्ड
जेडीयू ने पोस्टर के माध्यम से अति पिछड़ा वर्ग को अपने पाले मे करने की कोशिश की है। इसके पहले शनिवार को कांग्रेस ने अपने पोस्टर में आरक्षण कार्ड (Reservation Card) खेला था। 'साजिश -3' के नाम से पटना के चौक-चौराहाें पर लगाए इन पोस्टरों में कांग्रेस ने बताया है कि जब-जब बीजेपी और नीतीश कुमार साथ रहे, तब-तब साजिशें होती रहीं हैं। पोस्टर में साजिश नंबर एक के तौर पर गोधरा कांड (Godhara Masasacre) को बताते हुए कहा गया कि उस समय नीतीश कुमार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की सरकार में रेल मंत्री (Rail Minister) थे। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) को साजिश नंबर दो बताते हुए कहा गया कि इसपर नीतीश कुमार ने बीजेपी का साथ दिया। साजिश नंबर तीन में कहा गया कि अब बीजेपी आरक्षण खत्म करने जा रही है, जिसका नीतीश कुमार साथ दे रहे हैं।
कांग्रेस के पोस्टर का बीजेपी ने दिया जवाब
कांग्रेस के उस पोस्टर पर बीजेपी के प्रवक्ता अजीत चौधरी (Ajit Chaudhary) ने कहा कि गोधरा कांड के वक्त जब दंगे भड़के थे तब नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की तत्कालीन गुजरात सरकार ने तीन कांग्रेस शासित पड़ोसी राज्यों से पुलिस भेजने की मांग की थी। लेकिन तीनों राज्यों ने पुलिस नहीं भेजी। केंद्र सरकार भी मदद को आगे नहीं आई। तब गुजरात सरकार ने अपने दम पर दंगों पर नियंत्रण किया था।
सीएए को समर्थन देने व आरक्षण खत्म करने के आरोपों पर बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि देश सीएए के साथ है और इससे किसी भारतीय की नागरिकता (Citizenship) पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। जहां तक आरक्षण की बात है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दलितों-पिछड़ों को आरक्षण पर साफ कहा है कि बीजेपी के रहते कोई आरक्षण को खत्म नहीं कर सकता। फिर भी कांग्रेस देश में भ्रम की स्थिति बनाने की कोशिश कर रही है।