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फारूक अब्दुल्ला को ममता बनर्जी का संदेश, मुश्किल घड़ी में हम आपके साथ हैं

Mamata Banerjee. फारूक अब्दुल्ला को जन्मदिन की बधाई देते हुए तृणमूल प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुश्किल घड़ी में वे उनके साथ हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Mon, 21 Oct 2019 04:25 PM (IST)Updated: Mon, 21 Oct 2019 04:31 PM (IST)
फारूक अब्दुल्ला को ममता बनर्जी का संदेश, मुश्किल घड़ी में हम आपके साथ हैं
फारूक अब्दुल्ला को ममता बनर्जी का संदेश, मुश्किल घड़ी में हम आपके साथ हैं

जागरण संवाददाता, कोलकाता। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को जन्मदिन की बधाई देते हुए तृणमूल प्रमुख व बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मुश्किल घड़ी में वे उनके साथ हैं। ममता ने उन्हें सकारात्मक रहने का संदेश दिया और बेहतर स्वास्थ्य की कामना की। सोमवार को ममता बनर्जी ने अपने ट्वीट में लिखा कि फारूक अब्दुल्ला जी को जन्मदिन की शुभकामनाएं। ये आपके लिए मुश्किल समय है। हम आपके साथ खड़े हैं। कृपया सकारात्मक बने रहें। हम आपके बेहतर स्वास्थ्य की कामना करते हैं।

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उल्लेखनीय है कि 82 वर्षीय जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद हिरासत में लिया गया था। फारूक अब्दुल्ला के ममता बनर्जी के साथ राजनीतिक जीवन में बेहतर संबंध रहे हैं। इससे पहले 19 जनवरी को महानगर के ब्रिगेड मैदान में तृणमूल की ओर से आयोजित विपक्ष की मेगा रैली यूनाइटेड इंडिया में शामिल होने फारूक अब्दुल्ला कोलकाता पहुंचे थे। 

कश्मीर में हालात पूरी तरह सामान्य होने तक धरना या जुलूस की अनुमति नहीं

जम्मू-कश्मीर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने गत शनिवार को कहा था कि कश्मीर घाटी में स्थिति के पूरी तरह सामान्य होने तक किसी भी तरह के धरने प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। कोई भी धरना या जुलूस किसी भी समय कानून व्यवस्था का संकट पैदा कर सकता है। डीजीपी दिलबाग ने कहा कि हमारा पूरा प्रयास है कि पूरे राज्य में विशेषकर कश्मीर घाटी में स्थिति को जल्द से जल्द पूरी तरह सामान्य और शांत बनाया जाए। जरा सी चूक पूरा माहौल बिगाड़ सकती है।

उन्होंने गत मंगलवार को श्रीनगर में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला की बहन सुरैया और बेटी साफिया अब्दुल्ला के नेतृत्व में महिलाओं के एक प्रदर्शन पर पुलिस कार्रवाई को सही ठहराते हुए कहा कि उनके पास प्रदर्शन की अनुमति नहीं थी। बेशक, वह शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही थीं, लेकिन उन्होंने जो प्लेकार्ड उठा रखे थे, उन पर कुछ भड़काऊ बातें लिखी हुई थीं, जिनसे कानून व्यवस्था पर असर हो सकता था।

लालचौक में जमा हुई महिलाओं को मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने जिला मजिस्ट्रेट से अनुमति प्राप्त करने को कहा था, लेकिन वह नहीं मानी थीं। इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई करनी पड़ी है। उन्होंने कहा कि किसी को भड़काने के लिए आपको चिल्लाने या नारे लगाने की जरूरत नहीं है। आपके हाथ में जो प्लेकार्ड है, उस पर क्या लिखा है, यह भी हालात बिगाड़ सकता है। पुलिस ने फारूक की बहन व बेटी समेत करीब एक दर्जन महिलाओं को एहतियातन हिरासत में लिया था। 

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