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नवरात्र पर सजा पूजन सामग्रियों का बाजार

वासंतिक नवरात्र शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है। शहर में स्थायी दुकानों के साथ ही कुछ स्थानों पर चुनरी व पूजन सामग्री की अस्थाई दुकानें भी लग गई हैं। लोग जरूरी पूजन सामग्री, फलाहार की खरीदारी करने लगे हैं।

By Edited By: Published: Fri, 23 Mar 2012 03:33 PM (IST)Updated: Fri, 23 Mar 2012 03:33 PM (IST)
नवरात्र पर सजा पूजन सामग्रियों का बाजार

नई दिल्ली/बनारस। वासंतिक नवरात्र शुक्रवार से प्रारंभ हो गया है। शहर में स्थायी दुकानों के साथ ही कुछ स्थानों पर चुनरी व पूजन सामग्री की अस्थाई दुकानें भी लग गई हैं। लोग जरूरी पूजन सामग्री, फलाहार की खरीदारी करने लगे हैं।

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आधुनिकता के दौर में नवरात्र पूजन सामग्री का बाजार काफी बदल चुका है। हवन-पूजन सामग्री, फल-फूल पैकिंग युक्त तो मां की चुनरी फैंसी व गोटेदार होने के साथ ही फलाहार के आइटमों की तो बहार ही बहार। चुनरी के थोक व फुटकर विक्रेता नंदू ने बताया कि मां को चढ़ाने के लिए डिजाइनर चुनरी की कई रेंज उपलब्ध है। दस रुपये से इसकी कीमत शुरू है। गोटा युक्त रुमाल साइज चुनरी, इंटरलाक रुमाल, चुनरी गमछा, जार्जेट चुनरी, चुनरी साड़ी व पताका मुख्य आकर्षण है। मां के श्रृंगार के लिए चुनरी का चढ़ावा पहले दिन खासतौर से होता है। कम्प्यूटर इम्ब्राइडरी, नेट इम्ब्राइडरी, काटन, शाटन प्रिंट, लाल कपड़े पर गोटा लगा, रुमाल साइज, सवा गजी, दो मीटरी आदि उपलब्ध है। इस बार इम्ब्राइडरी चुनरी की डिमांड ज्यादा है।

फलाहार का हाल- शारदीय नवरात्र की तुलना वासंतिक नवरात्र में उपलब्ध फलाहार से करें तो करीब पांच से आठ फीसदी दाम बढ़ा है जबकि चुनरी में मूल्य वृद्धि नहीं हुई है।

कुट्टू का आटा इस बार 60-65 रुपये किलो है। सिंघाड़ा का आटा 40 रुपये प्रति किलो, तिन्नी चावल का 70 रुपये, मूंगफली बादाम 72-75 रुपये, देशी घी 250 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। मखाना 550-600 रुपये किलो, सूखी गरी 75 रुपये, किसमिश 110-120 रुपये किलो, पिस्ता 650-700 रुपये किलो है।

मिलावट से बचें- बाजार में उपलब्ध फलाहार में कई तरह से मिलावट भी हो रही है। गुड़ में गेहूं का चोकर अथवा लाचीदाना व बतासा में मैदा व पिसा चावल मिलाया जा रहा है। इसी तरह मखाना सत्तू में मकई, डालडा में देशी घी का एसेंस, सिंघाड़ा के आटे में मोटा चावल मिलाकर बेचा जा रहा है। गुड़ में गेहूं के चोकर की मिलावट कर मिठास को कम किया जा रहा है। लाचीदाना, बतासा, सिंघाड़ा व कुट्टू के आटे में मैदा तथा पिसा हुआ चावल मिला कर बेचा जा रहा है। पूजा-अर्चना के लिए डालडा घी में एसेंस मिला कर शुद्ध घी बना दिया गया है। अगरबत्ती में मसाला लगाने के लिए घी के बदले डीजल का प्रयोग चल रहा है। हवन सामग्री में सुगंधित लकड़ी के बदले सामान्य लकड़ी का बुरादा मिला है।

सीडी-कैसेट- नवरात्र में पुरोहितों की कमी को देखते हुए श्रद्धालुजन सीडी, एमपी थ्री व कैसेट का सहारा ले रहे हैं।

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