राजा की जलेब में शरीक हुए 10 देवता
कुल्लू जिला में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन वीरवार को विधिवत रूप से राजा की जलेब (रथयात्रा) की शुरुआत हो गई।
कुल्लू। कुल्लू जिला में अंतरराष्ट्रीय दशहरा उत्सव के दूसरे दिन वीरवार को विधिवत रूप से राजा की जलेब (रथयात्रा) की शुरुआत हो गई। वर्षो से चली आ रही इस जलेब परंपरा के पहले दिन राजा महेश्वर की जलेब में 10 देवताओं ने भाग लिया और देवताओं ने वाद्ययंत्रों की थाप के साथ ढालपुर मैदान की परिक्रमा की। रघुनाथ जी की यात्रा के साथ राजा की चानणी से चलकर यह ढालपुर मैदान के चारों ओर से होती हुई पुन: राजा की चानणी के पास समाप्त हुई। शोभायात्रा में कुल्लू के राजा महेश्वर सिंह को पालकी पर बैठाकर ढालपुर मैदान के चक्कर लगाए गए। गौर हो कि यह परंपरा दशहरा पर्व का हिस्सा है तथा यह लंका दहन तक निभाई जाएगी। पहले दिन निकली राजा की जलेब में देवताओं सहित भक्त काफी संख्या में शामिल हुए। वाद्य यंत्रों की थाप पर देवताओं ने भी झूमने का लुत्फ उठाया। इस अवसर पर नरसिंह की घोड़ी सज-धजकर जलेब में आगे चल रही थी। लंका दहन तक प्रतिदिन निकाले जानी वाली जलेब में हर रोज नए देवता अपनी उपस्थिति दर्ज करते हैं। हर देवता के पास पालकी रोक कर देवता का शेष राजा महेश्वर सिंह को दिया जाता है। बहरहाल, राजा की जलेब का क्रम सात दिन तक जारी रहेगा।
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