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राम नाम आराधना ही एकमात्र शक्ति

वर्तमान युग में राम नाम आराधना ही एकमात्र शक्ति है। सत् चरित्र ही जीवन में भक्ति और शक्ति को प्रदान करने वाला है।

By Edited By: Published: Sun, 08 Jan 2012 01:24 AM (IST)Updated: Sun, 08 Jan 2012 01:24 AM (IST)
राम नाम आराधना ही एकमात्र शक्ति

फरीदाबाद। वर्तमान युग में राम नाम आराधना ही एकमात्र शक्ति है। सत् चरित्र ही जीवन में भक्ति और शक्ति को प्रदान करने वाला है। सेक्टर-11 स्थित राजस्थान सेवा सदन में चल रही विष्णु पुराण कथा के अंतिम दिन शनिवार को संत कृष्णा स्वामी ने ये प्रवचन व्यक्त किए।

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उन्होंने कहा कि तुलसीदास के अनुसार कलयुग में जो भी व्यक्ति सुख और आनंद चाहते हैं, उन्हें राम की शरणागति लेनी चाहिए। भगवान की कृपा से मनुष्य को वो सभी दुर्लभ वस्तुएं प्राप्त हैं, जो स्वर्ग में देवताओं को भी दुर्लभ हैं। जैसे शक्ति और सद्भक्ति उसके बाद भी मात्र अज्ञान के कारण ही व्यक्ति माया में खोकर दुख और क्लेश से युक्त रहता है पर भगवान राम का चरित्र बताता है कि किस प्रकार मानव मात्र को कठिनाइयों का सामना भक्ति और शक्ति से करना चाहिए।

दर्शन का अर्थ होता है कि भगवान के दर पर जाकर सन जाना जैसे आटा पानी में सन जाने के बाद पानी और आटे को अलग नहीं किया सकता है, उसी प्रकार मंदिर में दर्शन जाते समय भगवान और भक्त का मिलन ऐसा ही होना चाहिए जिससे वे कभी अलग नहीं हो पाएं। परमात्मा के नाम का श्रवण करने, मनन करने, चिंतन करने और सुमिरन करने से कलयुग में संसार रूपी भव से आसानी से पार जाया जा सकता है।

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