मीरान शाह बाबा के उर्स पर उमड़े जायरीन
ऐतिहासिक विजयगढ़ दुर्ग एक बार फिर आपसी सौहार्द की मिसाल बना। हजारों अकीदतमंदों ने सैयद हजरत मीरान शाह बाबा की मजार पर बुधवार को अकीदत व एहतराम के साथ चादर चढ़ा कर मन्नतें मांगी। सालाना उर्स में शिरकत करने के लिए जायरीनों का जत्था विजयगढ़ दुर्ग पर मंगलवार की शाम से ही पहुंचने लगा था।
सोनभद्र। ऐतिहासिक विजयगढ़ दुर्ग एक बार फिर आपसी सौहार्द की मिसाल बना। हजारों अकीदतमंदों ने सैयद हजरत मीरान शाह बाबा की मजार पर बुधवार को अकीदत व एहतराम के साथ चादर चढ़ा कर मन्नतें मांगी। सालाना उर्स में शिरकत करने के लिए जायरीनों का जत्था विजयगढ़ दुर्ग पर मंगलवार की शाम से ही पहुंचने लगा था। दुर्ग के दरवाजे तक का सफर करने से पहले जायरीन मऊ गांव में रुक कर पानी व अन्य सामान का पुख्ता इंतजाम करने के बाद ही आगे बढ़ते। हालांकि तमाम लोगों ने दुर्ग के दूसरे रास्ते खिड़की का भी सफर तय किया। मंगलवार की शाम से शुरू हुआ जायरीनों के आने व जाने का सिलसिला बुधवार की देर रात तक जारी रहा। शाम तक करीब 40 हजार के आसपास जायरीन उर्स के लिए दुर्ग पहुंच चुके थे। दुर्ग का चप्पा चप्पा जायरीनों से गुलजार रहा। उनकी सुविधा के लिए रात को दुर्ग तक जाने वाले मार्ग को बिजली से रोशन किया गया था। यहां हिन्दू मुस्लिम एकता का अनूठा संगम देखने को मिला। सभी ने बाबा की मजार पर पहुंचकर मत्था टेका। जनपद के अलावा कई प्रदेशों व जिलों के जायरीन यहां चादर चढ़ाने व मुरादे मांगने आते हैं। उर्स इंतेजामिया कमेटी की ओर से गागर चादर चढ़ाई गई। इस दौरान कमेटी की ओर से लंगर का भी आयोजन किया गया था।
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