पाक में हिंदुओं ने मनाई दीवाली
पाकिस्तान में कुछ माह से विभिन्न क्षेत्रों से हिंदुओं के पलायन करने से पाकिस्तान सरकार की हो रही किरकिरी के बाद लाहौर में इस बार दीवाली का त्योहार आयोजित करने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। इस कारण लाहौर में इस बार दीपावली की काफी धूम रही। लाहौर के कृष्णा मंदिर व भगवान वाल्मीकि मंदिर में पाकिस्तानी पंजाब के अलग-अलग शहरों सहित सूबा सिंध से भी हिंदू परिवार दीवाली मनाने के लिए विशेष तौर पर पहुंचे थे।
अमृतसर, जागरण संवाददाता। पाकिस्तान में कुछ माह से विभिन्न क्षेत्रों से हिंदुओं के पलायन करने से पाकिस्तान सरकार की हो रही किरकिरी के बाद लाहौर में इस बार दीवाली का त्योहार आयोजित करने के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए थे। इस कारण लाहौर में इस बार दीपावली की काफी धूम रही। लाहौर के कृष्णा मंदिर व भगवान वाल्मीकि मंदिर में पाकिस्तानी पंजाब के अलग-अलग शहरों सहित सूबा सिंध से भी हिंदू परिवार दीवाली मनाने के लिए विशेष तौर पर पहुंचे थे।
भारतीय इतिहासकार एवं शोधकर्ता सुरेंद्र कोछड़ ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि इस बार दीवाली पर चकवाल, हैदराबाद, जैकबाबाद व रावल पिंडी से 400 हिंदू व ननकाना साहिब से 100 सिख दीवाली पर लाहौर पहुंचे। कोछड़ के अनुसार कृष्णा मंदिर में 2000 के करीब श्रद्धालुओं ने माथा टेका। कराची में नेटिव जेटी ब्रिज के साथ सटे 160 वर्ष पुराने श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर में कराची पोर्ट ट्रस्ट व पोर्ट ग्रांट लिमिटेड का कब्जा कायम रहने से हिंदू दलित परिवारों ने सादगी से पूजा करके दीवाली मनाई।
गोरखटरी के हिंदुओं की दीवाली रही फीकी
कबायली क्षेत्र खैबर पख्तूनख्वाह प्रदेश के गवर्नर मासूद कोसर द्वारा दीवाली से एक दिन पूर्व पाकिस्तान समाचार पत्रों के माध्यम से वहां के हिंदुओं को यह विश्वास दिलाया गया कि वे बिना किसी रोक टोक और खौफ से इस बार दीवाली मना सकेंगे। कोछड़ ने कहा, इसके बावजूद पेशावर शहर की गोरखटड़ी तहसील के उक्त 150 वर्ष पुराने मंदिर में वहां के हिंदू न तो कोई सजावट ही कर पाए और न ही दीवाली मना सके।
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