छतरपुर मंदिर की स्थापना
छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर का शिलान्यास सन् 1974 में किया गया था। इसकी स्थापना कर्नाटक के संत बाबा नागपाल जी ने की थी। इससे पहले मंदिर स्थल पर एक कुटिया हुआ करती थी।
छतरपुर स्थित श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर का शिलान्यास सन् 1974 में किया गया था। इसकी स्थापना कर्नाटक के संत बाबा नागपाल जी ने की थी। इससे पहले मंदिर स्थल पर एक कुटिया हुआ करती थी। आज वहां 70 एकड़ पर माता का भव्य मंदिर स्थित है। मंदिर परिसर में ही धर्मशाला, स्कूल व छोटा अस्पताल सहित आई.आई.टी. का संचालन किया जाता है। यह मंदिर माता के छठे स्वरूप माता कात्यायनी को समर्पित है। इसलिए इसका नाम भी कात्यायनी शक्तिपीठ रखा गया है। लगभग बीस छोटे-बड़े मंदिरों का यह स्थल दिल्ली में दूसरा सबसे बड़ा मंदिर माना जाता है।
छतरपुर मंदिर विश्व प्रसिद्ध मंदिर है। यह पवित्र स्थल अपनी निर्माण कला के लिए भी विख्यात है। मन्दिर कि निर्माण कला में सफेद संगमरमर द्वारा निर्मित शिल्प कला एवं नक्काशी के बेहतरीन नमूनों को देखा जा सकता है। संगमरमर से बनी जाली देखने में बहुत ही ख़ूबसूरत प्रतीत होती है। मन्दिर के परिसर में बहुत बड़ा दरवाजा लगा देख सकते हैं जिस पर एक बड़ा सा ताला लगा हुआ है यह सभी के आकर्षण का केन्द्र होता है। दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित यह छतरपुर मंदिर ख़ूबसूरत बगीचों से घिरा हुआ है। मंदिर के परिसर में धर्मशाला, डिस्पेंसरी और स्कूल का संचालन भी होता है।
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