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वैश्विक प्रकाश पुंज है बौद्धधर्म

राज्यपाल बीएल जोशी ने कहा कि है कि गौतम बुद्ध की उपदेशस्थली सारनाथ का ऐतिहासिक महत्व है। बौद्धधर्म विश्व के लिए प्रकाश पुंज रहा है। यह वर्तमान भारतीय सभ्यता का अति महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। वैसे भी, वाराणसी उदात्त सांस्कृतिक धरोहर के लिए अनुपमेय है।

By Edited By: Published: Thu, 29 Nov 2012 11:46 AM (IST)Updated: Thu, 29 Nov 2012 11:46 AM (IST)
वैश्विक प्रकाश पुंज है बौद्धधर्म

वाराणसी। राज्यपाल बीएल जोशी ने कहा कि है कि गौतम बुद्ध की उपदेशस्थली सारनाथ का ऐतिहासिक महत्व है। बौद्धधर्म विश्व के लिए प्रकाश पुंज रहा है। यह वर्तमान भारतीय सभ्यता का अति महत्वपूर्ण अंग बन चुका है। वैसे भी, वाराणसी उदात्त सांस्कृतिक धरोहर के लिए अनुपमेय है।

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सारनाथ में बुधवार की शाम मूलगंध कुटी बौद्ध मंदिर के 81वें वार्षिकोत्सव के तहत आयोजित बौद्ध भिक्षुओं की सभा में महामहिम विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने कहा कि बनारस विद्या का केंद्र रहा है जहां लाल बहादुर शास्त्री, मुंशी प्रेमचंद, महामना पं. मदनमोहन मालवीय, उस्ताद बिस्मिल्लाह खां, विदुषी गिरिजा देवी समेत अन्य विराट व्यक्ति्व वाले लोग हुए हैं। राज्यपाल ने कहा कि लुम्बिनी राज परिवार में जन्मे महामानव बुद्ध ने वास्तिवक मर्म को पहचाना और स्थापित किया कि दु:ख जीवन का मूलभूत आधार है।

भगवान ने इसके निवारण के लिए उदति मार्ग प्रशस्त किया। बुद्धत्व प्राप्ति के बाद गौतम बुद्ध ने दु:ख से निवृति के आठ आष्टांगिक मार्ग बताए। महामहिम ने कहा कि भारत के बाहर पश्चिमी देशों ने बुद्ध के सिद्धांत को बढ़चढ़ कर सम्मान दिया। परिणामत: विश्व के लोग बुद्ध के प्रति आस्था व्यक्त करते हैं। उनके उपदेश अहिंसा, करुणा, मैत्री, प्रेम आदि को मानते हैं। अध्यक्षीय संबोधन में हाईकोर्ट के न्यायाधीश बीके शुक्ला ने कहा कि सारनाथ में एक व्यक्ति की परिकल्पना साकार हुई है। विश्‌र्र्व में भगवान बुद्ध के उपदेशों को अधिक महत्व मिला है।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्र”वलन व जय मंगल गाथा से हुआ। तत्पश्चात महाबोधि इंटर कॉलेज की अध्यापिकाओं ने महाकवि जयशंकर प्रसाद की रचना अरी, वरुणा की शांत कछार- तथागत आया तेरे द्वार प्रस्तुत किया। महामहिम ने महाबोधि सोसाइटी व इंटर कॉलेज की पत्रिका धर्मदूत व उद्गार का विमोचन किया।

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