धार्मिक स्थलों पर कब-कब हुई दुर्घटनाएं..
झारखण्ड के देवघर जिले में ठाकुर अनुकूल चंद की 125वीं जयंती पर एक आश्रम परिसर में हजारों की भीड़ एकत्र हो जाने और सभागार में भारी भीड़ के कारण दम घुटने से बारह लोगों की मौत हो गई, जबकि 120 अन्य बेहोश हो गए।
नई दिल्ली। झारखण्ड के देवघर जिले में ठाकुर अनुकूल चंद की 125वीं जयंती पर एक आश्रम परिसर में हजारों की भीड़ एकत्र हो जाने और सभागार में भारी भीड़ के कारण दम घुटने से बारह लोगों की मौत हो गई, जबकि 120 अन्य बेहोश हो गए।
धार्मिक स्थलों पर भगदड़ की यह कोई पहली घटना नहीं है। देश के विभिन्न हिस्सों में ऐसी घटनाएं पूर्व में भी होती रही हैं, जो बदइंतजामी की ओर संकेत करती हैं। एक दिन पहले ही रविवार को उत्तर प्रदेश में मथुरा जिले के राधा रानी मंदिर मेंभारी भीड़ इकट्ठी हो जाने से दो महिला की मौत हो गई थी। इसमें से एक महिला की मौत हृदयाघात से और दूसरी की सीढि़यों से गिर जाने से हुई। हजारों श्रद्धालु राधा अष्टमी पर वहां एकत्र हुए थे।
भारत में अलग-अलग धार्मिक स्थलों पर हुई दुर्घटनाओें में अब तक कई लोगों की जान गई है। पिछले एक दशक में हुई कुछ घटनाएं इस प्रकार हैं :
दो सितम्बर, 2012 : बिहार के नालंदा जिले में स्थित राजगीर कुंड में स्नान के लिए श्रद्धालुओं के बीच मची होड़ के कारण भगदड़ हो गई, जिसमें दो श्रद्धालु की मौत हो गई, जबकि छह घायल हो गए।
आठ नवम्बर, 2011 : उत्तर प्रदेश के हरिद्वार में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान गंगा नदी के तट पर हजारों श्रद्धालुओं के एकत्र हो जाने के दौरान मची भगदड़ में 16 लोगों की जान चली गई।
14 जनवरी, 2011 : केरल के इदुक्की जिले में स्थित प्रसिद्ध धार्मिक स्थल शबरीमाला के नजदीक पुलमेदु में मची भगदड़ में कम से कम 102 श्रद्धालु मारे गए थे और 50 घायल हो गए थे।
चार मार्च, 2010 : उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में कृपालुजी महाराज आश्रम में प्रसाद वितरण के दौरान 63 लोग मारे गए थे, जबकि 15 घायल हो गए थे।
तीन जनवरी, 2008 : आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थित दुर्गा मल्लेस्वारा मंदिर में भगदड़ मचने से पांच लोगों की जान चली गई थी।
जुलाई 2008 : ओडिशा में पुरी के सुप्रसिद्ध जगन्नाथ यात्रा के दौरान छह लोग मारे गए और अन्य 12 घायल हो गए।
30 सितम्बर 2008 : राजस्थान के जोधपुर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह से मची भगदड़ में 250 श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि 60 घायल हो गए।
तीन अगस्त, 2008 : हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण नैना देवी मंदिर की एक दीवार ढह गई, जिससे डरकर श्रद्धालु नीचे उतरने लगे। इस क्रम में 160 लोगों की मौत हो गई, जबकि 230 घायल हो गए।
27 मार्च, 2008 : मध्य प्रदेश के करिला गांव में एक मंदिर में भगदड़ मचने से आठ श्रद्धालु मारे गए थे और 10 घायल हो गए।
अक्टूबर 2007 : गुजरात के पावागढ़ में धार्मिक कार्यक्रम के दौरान 11 लोगों की जान चली गई थी।
नवम्बर 2006 : ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर में उमड़ी भीड़ में धकेले जाने के कारण चार बुजुर्गो की मौत हो गई थी।
26 जून, 2005 : महाराष्ट्र के मंधार देवी मंदिर में मची भगदड़ में 350 लोगों की मौत हो गई थी और 200 घायल हो गए थे।
अगस्त 2003 : महाराष्ट्र के नासिक में कुम्भ मेले में मची भगदड़ में 125 लोगों की जान चली गई थी।
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