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ईश्वर एक, भक्ति के मार्ग अनेक

द आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि देश में शांति व संपन्नता की स्थापना और आध्यात्मिक शांति के लिए राष्ट्र निर्माण में सभी नागरिकों की भूमिका अहम है। रोहिणी सेक्टर-10 के स्वर्ण जयंती पार्क में आयोजित महासत्संग में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।

By Edited By: Published: Mon, 27 Feb 2012 11:24 PM (IST)Updated: Mon, 27 Feb 2012 11:24 PM (IST)
ईश्वर एक, भक्ति के मार्ग अनेक

बाहरी दिल्ली, जागरण संवाददाता। द आर्ट आफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने कहा कि देश में शांति व संपन्नता की स्थापना और आध्यात्मिक शांति के लिए राष्ट्र निर्माण में सभी नागरिकों की भूमिका अहम है। रोहिणी सेक्टर-10 के स्वर्ण जयंती पार्क में आयोजित महासत्संग में बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया।

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दो दिन पूर्व ही श्री श्री रविशंकर ने देश में संपन्नता व शांति स्थापना के लिए स्वर्ण जयंती पार्क में देवी पूजन भी किया था। देवी पूजन की सफलता के लिए रविवार को आयोजित महासत्संग का शुभारंभ भक्ति संगी के साथ हुई। द आर्ट आफ लिविंग के अनुनायियों के भजन से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। भजनों के बाद महासत्संग में उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण तभी होगा जब सभी अंदर से इसके प्रति जागरूक होंगे। इसलिए अपनी अंदर की चेतना को जगाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि ईश्वर एक है, उस शक्ति की आराधना के तरीके अलग हैं। सच्चे मन व पूरे श्रद्धा भाव से ईश्वर की तरफ ध्यान लगाएं, ईश्वर सभी का कल्याण अवश्य करेंगे।

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