स्पीड ब्रेकर से गुजर रही चारधाम यात्रा
एक माह तक जोरदार ढंग से चली चारधाम यात्रा की रफ्तार फिलहाल मंद पड़ गई है। अचानक तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आने से परिवहन व्यवसायी भी चिंतित हैं। परिवहन व्यवसायियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यात्रा एक बार फिर जोर पकड़ेगी।
ऋषिकेश। एक माह तक जोरदार ढंग से चली चारधाम यात्रा की रफ्तार फिलहाल मंद पड़ गई है। अचानक तीर्थ यात्रियों की संख्या में कमी आने से परिवहन व्यवसायी भी चिंतित हैं। परिवहन व्यवसायियों को उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यात्रा एक बार फिर जोर पकड़ेगी।
24 अप्रैल को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस वर्ष की यात्रा का श्रीगणेश हो गया था। 28 अप्रैल को केदारनाथ व 29 अप्रैल को बद्रीनाथ धाम के कपाट खुलते ही श्रद्धालु भी यात्रा के लिए उमड़ने लगे थे। चारधाम के कपाट खुलने के करीब दस दिन बाद यात्रा ने जोर पकड़ा और लगातार यात्रियों की संख्या में इजाफा होता गया। मई के मध्य माह में तो स्थिति यह हो गई कि चारधाम यात्रा की संचालन व्यवस्था ही प्रभावित होने लगी। नतीजतन लोकल यात्रा मार्गो पर यातायात व्यवस्था ही पटरी से उतर गई। एक माह तक यात्रा का खूब जोर रहा। ऐसे भी दिन आए जब संयुक्त रोटेशन यातायात व्यवस्था समिति की 291 बसें एक दिन में चारधाम यात्रा पर गई। कई दिनों तक यह सिलसिला जारी रहा जब प्रतिदिन दो सौ से अधिक बसें यात्रा पर निकली। मगर, अचानक ही यात्रियों की संख्या में कमी होने लगी। अब स्थिति यह है कि संयुक्त रोटेशन की मात्र 45 से 50 बसें ही चारधाम यात्रा पर रवाना हो रही हैं। इनमें हेमकुंट यात्रा पर जा रही बसें भी शामिल हैं। जून दूसरे सप्ताह से यह ग्राफ और भी गिर गया है। यात्रियों की घटती संख्या से परिवहन व्यवसायी भी चिंतित हैं। हालांकि परिवहन व्यवसायियों को अभी यात्रा में तेजी आने की उम्मीद है।
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