मोदी को एक और झटका, हारे मानहानि का मुकदमा
एक समय सुर्खियों में रहने वाले ललित मोदी की समस्याएं अब कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आईपीएल के बर्खास्त आयुक्त सोमवार को न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर क्रिस केर्न्स से मानहानि का मुकदमा हार गए। अब उन्हें मुआवजे में हरफनमौला क्रिकेटर को 90,000 पौंड [लगभग 73 लाख रुपये] देने पड़ेंगे। जब यह आदेश सुनाया गया, तो इन दोनों में से कोई भी पक्ष लंदन हाईकोर्ट में मौजूद नहीं था।
लंदन। एक समय सुर्खियों में रहने वाले ललित मोदी की समस्याएं अब कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आईपीएल के बर्खास्त आयुक्त सोमवार को न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर क्रिस केर्न्स से मानहानि का मुकदमा हार गए। अब उन्हें मुआवजे में हरफनमौला क्रिकेटर को 90,000 पौंड [लगभग 73 लाख रुपये] देने पड़ेंगे। जब यह आदेश सुनाया गया, तो इन दोनों में से कोई भी पक्ष लंदन हाईकोर्ट में मौजूद नहीं था।
मोदी के लिए यह फैसला एक तगड़ा झटका है। बीते सप्ताह एक निजी सुरक्षा फर्म को 65,000 पौंड [लगभग 53 लाख रुपये] न दे पाने के कारण मोदी को दिवालिया घोषित कर दिया गया था। मोदी ने केर्न्स पर 2008 में इंडियन क्रिकेट लीग के दौरान मैच फिक्सिंग में लिप्त होने का आरोप लगाया था। अब इस फैसले से विवादों में घिरे मोदी को अगले 28 दिन में मुआवजे के अंतर्गत इस राशि का एक हिस्सा देना पड़ेगा और उनके पास अपील दायर करने के लिए 20 अप्रैल तक का समय है। जब मोदी के वकील ने इस क्षतिपूर्ति पर स्थगन के बारे में आग्रह किया, तो अदालत ने कहा कि आपका मुवक्किल साधन संपन्न व्यक्ति है और आपको इस पर रोक लगवाने के लिए अदालत को संतोषजनक दलील देनी पड़ेगी।
केर्न्स इंडियन क्रिकेट लीग में चंडीगढ़ लायंस के कप्तान थे, लेकिन उनका अनुबंध टूर्नामेंट के तीसरे चरण में अक्टूबर, 2008 में खत्म कर दिया गया था। इसके लिए आधिकारिक कारण दिया गया था कि केर्न्स ने टखने की चोट के बारे में न बताकर अनुबंध की शर्तो का उल्लंघन किया है। अदालत के फैसले के तुरंत बाद मोदी ने ट्विटर पर लिखा कि उन्होंने यह फैसला देखा है और वे इसके खिलाफ अपील करेंगे। आईपीएल आयुक्त मोदी ने केर्न्स को लीग से बाहर रखने के अपने फैसले के पक्ष में दलील देते हुए वर्ष 2010 में ट्विटर पर उसके खिलाफ आरोप लगाए थे। इसके बाद 41 वर्षीय केर्न्स ने मोदी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था और कहा था, मोदी के दावे झूठे और अपमानजनक हैं, जिससे मेरी छवि को नुकसान पहुंचा है।
नौ दिन की सुनवाई में दोनों के वकीलों की दलील सुनने के बाद लंदन हाईकोर्ट के न्यायाधीश डेविड बीन ने केर्न्स के पक्ष में फैसला सुनाया। न्यायाधीश डेविड बीन ज्यूरी के बिना ही इस मुकदमे की सुनवाई कर रहे थे। उन्होंने कहा कि केर्न्स के मैच फिक्सिंग या स्पॉट फिक्सिंग में लिप्त होने के बारे में मोदी कोई भी विश्वसनीय सबूत पेश नहीं कर पाए और न ही वह धोखाधड़ी के संदेह में मजबूत दावा पेश कर पाए। न्यायाधीश बीन ने कहा, यह स्पष्ट है कि एक पेशेवर क्रिकेटर पर मैच फिक्सर होने का आरोप खिलाड़ी के व्यक्तित्व को प्रभावित करते हैं और अगर आरोप सच निकलते हैं, तो इससे उसकी प्रतिष्ठा ही खत्म हो जाती है। केर्न्स ने कहा कि मैच फिक्सिंग के आरोपों से उनकी शादी भी प्रभावित हुई। उन्होंने अदालत से कहा, इन आरोपों ने मेरी निजी जिंदगी पर काफी असर डाला है। मोदी के लिए सबसे बुरी बात यह है कि उन्हें इस मुकदमे का सारा खर्च उठाना होगा। जबकि केर्न्स ने अपनी वकील के साथ जो करार किया था, उसके अनुसार जीत हासिल होने के बाद ही फीस देने की बात कही थी।
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