मैच रेफरी ब्रॉड का दोहरा शतक
क्रिस ब्रॉड रविवार को 200 वनडे मैचों में मैच रेफरी की भूमिका निभाने दूसरे आईसीसी अधिकारी बन गए। उन्होंने आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ ट्राई सीरीज के बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल्स के पहले मुकाबले में उतरने के साथ ही यह उपलब्धि हासिल की।
ब्रिसबेन। क्रिस ब्रॉड रविवार को 200 वनडे मैचों में मैच रेफरी की भूमिका निभाने दूसरे आईसीसी अधिकारी बन गए। उन्होंने आस्ट्रेलिया और श्रीलंका के खिलाफ ट्राई सीरीज के बेस्ट ऑफ थ्री फाइनल्स के पहले मुकाबले में उतरने के साथ ही यह उपलब्धि हासिल की।
इंग्लैंड के पूर्व सलामी बल्लेबाज ने मैच रेफरी के रूप में शुरुआत 2004 में न्यूजीलैंड और पाकिस्तान के बीच डुनेडिन वनडे मैच के साथ की थी। वह श्रीलंका के रंजन मदुगुले के बाद 200 या इससे अधिक मैचों में मैच रेफरी की भूमिका निभाने वाले दूसरे अधिकारी हैं। आईसीसी के बयान के मुताबिक ब्रॉड ने 200 वनडे मैचों के अलावा 51 टेस्ट में भी मैच रेफरी की भूमिका निभाई है। वह सर्वाधिक टेस्ट मैचों में अधिकारी की भूमिका निभाने वाले मैच रेफरियों की सूची में मदुगुले [132 टेस्ट] और क्लाइव लॉयड [53] के बाद तीसरे स्थान पर हैं। उन्होंने 41 टी-20 मैचों में भी यह भूमिका निभाई है। इस सूची में वह मदुगुले [46] के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
ब्रॉड ने कहा, बेशक, मेरे पास खुश होने का एक अतिरिक्त कारण है, लेकिन साथ ही यह इस बात का संकेत भी है कि आठ साल पहले मेरे करियर की शुरुआत के बाद से कितने वनडे मैच [ब्रॉड के मैच रेफरी बनने के बाद से 1180 वनडे खेले गए हैं] खेल लिए गए हैं। ब्रॉड ने कहा कि मैच रेफरी के रूप में उनका सबसे यादगार वनडे 2006 का वांडरर्स का मैच था, जिसमें दक्षिण अफ्रीका ने एक गेंद और एक विकेट शेष रहते आस्ट्रेलिया के 434 रन के लक्ष्य को हासिल किया था।
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