कोहली में कुछ तो है खास
विराट कोहली को चुनौतियां पसंद हैं। जब लक्ष्य का पीछा करने का सवाल आता है, तो दिल्ली के युवा बल्लेबाज का खेल कुछ ज्यादा ही निखर जाता है। ताजा सबूत होबार्ट में ट्राई सीरीज के मैच में देखने को मिला। भारत को फाइनल्स की उम्मीदों को बरकरार रखने के लिए श्रीलंका के खिलाफ इस मैच में 40 ओवर के अंदर जीत दर्ज करनी थी। ऐसे में कोहली ने नाबाद 133 रन बनाकर टीम को खिताब की दौड़ में बनाए रखा।
नई दिल्ली। विराट कोहली को चुनौतियां पसंद हैं। जब लक्ष्य का पीछा करने का सवाल आता है, तो दिल्ली के युवा बल्लेबाज का खेल कुछ ज्यादा ही निखर जाता है। ताजा सबूत होबार्ट में ट्राई सीरीज के मैच में देखने को मिला। भारत को फाइनल्स की उम्मीदों को बरकरार रखने के लिए श्रीलंका के खिलाफ इस मैच में 40 ओवर के अंदर जीत दर्ज करनी थी। ऐसे में कोहली ने नाबाद 133 रन बनाकर टीम को खिताब की दौड़ में बनाए रखा।
वैसे यह पहला अवसर नहीं है, जब 23 वर्षीय बल्लेबाज ने लक्ष्य का पीछा करते हुए इस तरह की कमाल की पारी खेली। इससे पहले भी कई अवसरों पर कोहली ने लक्ष्य का पीछा करते हुए अपने जज्बे और साहस का शानदार नमूना पेश किया है। इसका सबूत आंकड़े भी पेश करते हैं। कोहली ने अपना पहला वनडे अंतरराष्ट्रीय मैच अगस्त, 2008 में खेला था और तब से लेकर अब तक लक्ष्य का पीछा करते हुए सर्वाधिक रन और सर्वाधिक शतक का रिकार्ड कोहली के नाम पर दर्ज है। इस बीच भारतीय टीम लक्ष्य का पीछा करने वाली सबसे सफल टीम भी बनी।
कोहली ने अब तक जो 82 वनडे मैच खेले हैं, उनमें से 49 में वह तब क्रीज पर उतरे जब टीम लक्ष्य का पीछा कर रही थी। इन 49 मैच में उन्होंने 55.20 की औसत से 2,153 रन बनाए, जिसमें छह शतक और 13 अर्धशतक शामिल हैं। कोहली की इस सफलता का असर परिणाम पर भी दिखा। भारत इनमें से 31 मैच जीतने में सफल रहा, जबकि केवल 15 में उसे हार मिली। दो मैच का परिणाम नहीं निकला और एक मैच टाई छूटा। जब से कोहली ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया तब से यदि लक्ष्य का पीछा करते हुए अन्य खिलाडि़यों के प्रदर्शन पर गौर किया जाए तो गंभीर ने इस तरह के 39 मैच में 52.11 की औसत से 1,772 रन बनाए हैं। वह कोहली के बाद दूसरे स्थान पर हैं।
गंभीर के बाद आस्ट्रेलिया के शेन वॉटसन [31 मैच में 1,578 रन], श्रीलंका के कुमार संगकारा [44 मैच में 1,537 रन] और तिलकरत्ने दिलशान [37 मैच में 1,477 रन] का नंबर आता है। यदि भारतीयों की बात करें तो कप्तान महेंद्र सिंह धौनी को भले ही मिस्टर फिनिशर कहा जाता हो, लेकिन कोहली के पदार्पण के बाद लक्ष्य का पीछा करते हुए 44 वनडे में वह 1,233 रन ही बना पाए हैं।
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