खिताबी जंग को तैयार राजस्थान व तमिलनाडु
तमिलनाडु की टीम गत चैंपियन राजस्थान के साथ बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे पांच दिवसीय रणजी ट्राफी फाइनल मुकाबले के लिए कमर कस चुकी है। तमिलनाडु जहां तीसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाने का प्रयास करेगा वहीं राजस्थान खिताब की रक्षा के लिए पूरा दमखम झोंक देगा।
चेन्नई। तमिलनाडु की टीम गत चैंपियन राजस्थान के साथ बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे पांच दिवसीय रणजी ट्राफी फाइनल मुकाबले के लिए कमर कस चुकी है। तमिलनाडु जहां तीसरी बार इस खिताब पर कब्जा जमाने का प्रयास करेगा वहीं राजस्थान खिताब की रक्षा के लिए पूरा दमखम झोंक देगा।
तमिलनाडु अपने 11वें खिताबी प्रयास में तीसरी बार ट्राफी जीतने के लिए घरेलू हालात पर निर्भर करेंगे और टीम सुनिश्चित करना चाहेगी कि इस सत्र में उनके निरंतर अच्छे प्रदर्शन का अंत ट्राफी से हो। टीम ने 1988 में अपनी पिछली ट्राफी हासिल की थी जबकि पहली ट्राफी 1955 में जीती थी तब उसे मद्रास टीम के नाम से जाना जाता था। पिछले 10 सत्र में अपना तीसरा फाइनल खेल रही तमिलनाडु का लक्ष्य अब अपनी उस आदत से छुटकारा पाना भी होगा जिसमें वह लीग चरण में शानदार प्रदर्शन कर खिताबी भिड़ंत में चूक जाती है।
चेपक स्टेडियम की धीमी और उछाल भरी पिच से मेजबान टीम को कुछ मदद तो मिलेगी लेकिन राजस्थान [फोटो] के तेज गेंदबाज भी इस पिच पर अपने जौहर दिखाने के लिए बेताब हैं। गत चैंपियन राजस्थान ने पिछले सत्र में खिताब जीतकर सभी को हैरान कर दिया था और टीम रिषिकेश कानितकर की अगुवाई में यह ट्राफी बरकरार रखने की प्रबल दावेदार भी है। राजस्थान के कोच अमित असावा ने कहा, यह शानदार है। मेरे पास शब्द नहीं है। दो साल पहले हम प्लेट लीग में निचले पायदान पर थे और अब लगातार दूसरे फाइनल में पहुंचे हैं।
दिलचस्प बात है कि तमिलनाडु और राजस्थान की टीमें पिछले सत्र के सेमीफाइनल में एक-दूसरे से भिड़ी थी और मेजबान टीम इस बार उस मैच की हार का बदला चुकता करने की कोशिश करेगी। तमिलनाडु के कप्तान लक्ष्मीपति बालाजी ने कहा, मेरी टीम के खिलाड़ी फार्म में हैं। ग्रुप-बी में 20 अंक से शीर्ष पर रहने के अलावा तमिलनाडु ने सेमीफाइनल में 39 बार की चैंपियन मुंबई पर जीत दर्ज कर अपने निरंतर प्रदर्शन को जारी रखा। वहीं इसके विपरीत राजस्थान की टीम पहले पांच मैचों में अंक गंवाने के बाद अन्य टीमों की विफलता के कारण ही टूर्नामेंट से बाहर होने से बच पाई। लेकिन राजस्थान ने लीग चरण के बाद दो मैचों में ड्रा खेलकर अपने जज्बे का प्रदर्शन किया।
आंकड़ों के हिसाब से तमिलनाडु की टीम में ऐसे खिलाड़ी मौजूद हैं जिन्होंने भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया है। अभिनव मुकुंद, मुरली विजय, एस बद्रीनाथ और दिनेश कार्तिक राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुके हैं। बालाजी ने मुंबई के खिलाफ सेमीफाइनल में अपने शुरुआती स्पैल की बदौलत टीम को फाइनल में पहुंचने में मदद की। दूसरी तरफ तमिलनाडु की टीम चाहेगी कि उनके फार्म में चल रहे शीर्ष बल्लेबाज काफी रन जुटाएं। उनके गेंदबाजी आक्रमण में जगन्नाथन कौशिक [24], बालाजी [23], विजय कुमार यो महेश [20] और स्पिनर औशिक श्रीनिवास [20] मौजूद हैं। राजस्थान की तरफ से मध्यक्रम के बल्लेबाज रोबिन बिष्ट ने आठ मैचों में चार शतकों की मदद से 841 रन बनाए हैं लेकिन पिछले दो मैचों में उनकी खराब फार्म रिषिकेश कानितकर के लिए चिंता का विषय है। तेज गेंदबाज पंकज सिंह और रितुराज सिंह ने क्रमश: 32 और 22 विकेट चटकाए हैं।
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