तेज आक्रमण से सफलता मिले जरूरी नहीं
आस्ट्रेलियाई टीम भारत के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज वाका क्रिकेट मैदान पर ही अपनी झोली में डालने की कोशिश में जुटी है। कप्तान माइकल क्लार्क को लगता है कि शुक्रवार को शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में सिर्फ तेज गेंदबाजों को उतारना सफलता की गांरटी नहीं है।
पर्थ। आस्ट्रेलियाई टीम भारत के खिलाफ चार मैचों की टेस्ट सीरीज वाका क्रिकेट मैदान पर ही अपनी झोली में डालने की कोशिश में जुटी है। कप्तान माइकल क्लार्क को लगता है कि शुक्रवार को शुरू होने वाले तीसरे टेस्ट में सिर्फ तेज गेंदबाजों को उतारना सफलता की गांरटी नहीं है।
क्लार्क ने न्यूज लिमिटेड न्यूजपेपर्स में अपने कालम में लिखा, हमने चार साल पहले पर्थ में भारत के खिलाफ चार तेज गेंदबाजों को उतारा था और हम हार गए थे, इसलिए यह सफलता की गारंटी नहीं है, भले ही हालात कितने ही मददगार क्यों न हों। कप्तान ने कहा कि वे भारत का 4-0 से सफाया करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, मेलबर्न और सिडनी में जीत दर्ज कर सीरीज में 2-0 से बढ़त बनाना शानदार था, लेकिन अब यह इतिहास हो चुका है। हम भारत के खिलाफ सभी चार टेस्ट जीतना चाहते हैं और अभी हमने आधा रास्ता ही पार किया है। सीरीज का परिणाम हमारे खिलाडि़यों के चयन से ज्यादा इस बात पर निर्भर करेगा कि उनका जज्बा कैसा होगा।
ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि आस्ट्रेलियाई टीम पर्थ में चार तेज गेंदबाज उतारेगी, क्योंकि पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जा रही है। उन्होंने कहा, मैं नहीं जानता कि हम पर्थ में चार तेज गेंदबाजों के साथ खेलेंगे या नहीं। हम पिच देखने के बाद ही इस पर फैसला करेंगे। बिना देखे इसके बारे में फैसला नहीं किया जा सकता कि यह कैसी होगी। एक स्पिनर को बाहर करना हमेशा कठिन फैसला होता है। पांच दिन का क्रिकेट काफी होता है और इस दौरान पिच भी काफी तेजी से बदल सकती है।
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