वाका पर टीम इंडिया ने बहाया पसीना
पर्थ। कंगारुओं के खिलाफ मौजूदा सीरीज में 0-2 से पिछड़ रही टीम इंडिया ने पर्थ में वाका की तेज पिच पर मंगलवार को जमकर पसीना बहाया। भारतीय टीम जब आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले करो या मरो मैच की तैयारियों के लिए अपने गर्म मिजाज के लिए कुख्यात वाका मैदान पर अभ्यास के लिए आई तो सीनियर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने क्यूरेटर से पूछा, क्या आपको पिच की घास काटने के लिए कोई मेल नहीं मिला।
पर्थ। कंगारुओं के खिलाफ मौजूदा सीरीज में 0-2 से पिछड़ रही टीम इंडिया ने पर्थ में वाका की तेज पिच पर मंगलवार को जमकर पसीना बहाया। भारतीय टीम जब आस्ट्रेलिया के खिलाफ शुक्रवार से शुरू होने वाले करो या मरो मैच की तैयारियों के लिए अपने गर्म मिजाज के लिए कुख्यात वाका मैदान पर अभ्यास के लिए आई तो सीनियर बल्लेबाज राहुल द्रविड़ ने क्यूरेटर से पूछा, क्या आपको पिच की घास काटने के लिए कोई मेल नहीं मिला।
वाका क्यूरेटर कैमरन सदरलैंड ने कहा है कि दुनिया की सबसे तेज पिच अपने मिजाज के अनुरूप ही व्यवहार करेगी और शुक्रवार से शुरू हो रहे टेस्ट में तेज गेंदबाजों की यहां पर चांदी होगी। द्रविड़ ने जब टेस्ट मैच के लिए तैयार की गई हरी घास वाली पिच को देखा तो वह सदरलैंड से मजाक करने से नहीं चूके। इस पिच की जो ख्याति रही है उससे सभी वाकिफ हैं और इसको देखने के बाद भारतीयों की चिंता बढ़ गई क्योंकि अभी उसके बल्लेबाज अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। इस दौरे में नई गेंद उनको सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रही है तथा वाका की पिच पर भी तेजी और उछाल मिलने की पूरी संभावना है। दोनों सलामी बल्लेबाजों वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर पर अभ्यास के दौरान करीबी नजर रखी गई। ये दोनों सीरीज में लगातार असफल रहे हैं। सहवाग ने यहां तक कि आफ स्टंप से बाहर जाती कुछ गेंदों को छोड़ा जिससे संकेत मिलते हैं कि यह विस्फोटक बल्लेबाज अपने लिए तैयार की गई आफ स्टंप के बाहर की रणनीति के जाल में फंसने से बचने के लिए कितना आतुर है। इस सीरीज में अब तक सहवाग ने आफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को कट करने के प्रयास में स्लिप क्षेत्र में कैच थमाया। यही वजह है कि अब वह ऐसी गेंदों को खेलने से बचना चाहते हैं। उन्होंने और गंभीर ने भले ही अब तक एक-एक अर्धशतक जमाया लेकिन वे किसी भी समय सहज होकर बल्लेबाजी करते हुए नहीं दिखे। सचिन तेंदुलकर को इस बीच कोच की भूमिका निभाते हुए भी देखा गया। उन्होंने तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के साथ काफी समय बिताया और आस्ट्रेलियाई विकेटों पर उनकी गेंदबाजी तकनीक में सुधार करने में मदद करने की कोशिश की।
ईशांत ने पहले दो मैच में थोड़ा शार्ट पिच गेंद की। इन मैचों में वह 78.33 की औसत से केवल तीन विकेट ले पाए हैं। तेंदुलकर इस तेज गेंदबाज से लगातार कहते रहे कि उनका गेंदबाजी वाला हाथ [दायां हाथ] गेंदबाजी करने के बाद उनकी दाईं जांघ के बगल तक जाए। उनका जोर इस बात पर था गेंद को पिच पर पटकने की बजाय वह उसका स्पर्श पाकर तेजी से बल्लेबाज के बगल से निकले। द्रविड़ भी नेट्स पर कुछ समय बिताने के लिए बेताब थे। उन्होंने पहले ट्रेवर पेनी के थ्रो डाइन का सामना किया और फिर पूरी तेजी के साथ गेंदबाजी कर रहे ईशांत की गेंदों को खेला।
कुछ अवसरों पर पेनी ने केवल थ्रो डाउन का इशारा किया और गेंद नहीं फेंकी। वह यह देखना चाहते थे कि द्रविड़ अपने बल्ले और पांवों को कैसे मूव कर रहे हैं। जाहिर तौर पर द्रविड़ का बल्ला जहां से गेंद से मिलन के लिए आ रहा था, उस स्थिति से यह बल्लेबाज खुश नहीं दिख रहा था। विदेशी पिचों पर लगातार छठे मैच में असफल रहने के कारण वीवीएस लक्ष्मण आलोचकों के निशाने पर हैं। यह सीनियर बल्लेबाज इस बात को लेकर अधिक सजग दिखा कि क्या उनका बल्ला पूरी तरह से गेंद पर आ रहा है और क्या उनका डिफेन्स बहुत मजबूत है। द्रविड़ दूसरे छोर से अपने साथी सीनियर बल्लेबाज की तकनीक पर करीबी नजर रखे हुए थे तथा दो-तीन अवसरों पर उन्होंने सही करार देने के लिए अपना हाथ भी उठाया। ईशांत के नेट्स से काफी देर तक गेंदबाजी करने के बाद जहीर खान ने भी आधे घंटे तक गेंदबाजी की। युवा तेज गेंदबाज उमेश यादव ने हालांकि नेट्स पर पसीना नहीं बहाया। भारत अभी 0-2 से पीछे चल रहा है और उसे चार मैच की सीरीज में बने रहने के लिए तीसरे मैच में हर हाल में जीत दर्ज करनी होगी।
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