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योग मार्ग पर चलकर ही मुक्ति की प्राप्ति संभव

मानव का परम लक्ष्य मुक्ति प्राप्त करना है। मुक्ति ही मनुष्य के दुखों का अंतिम उपाय है। मुक्ति प्राप्ति जन्म-जन्मांतर के शुभ कर्मो का फल होता है। उसके लिए मनुष्यों को योग मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।

By Edited By: Published: Thu, 15 Dec 2011 01:40 AM (IST)Updated: Thu, 15 Dec 2011 01:40 AM (IST)
योग मार्ग पर चलकर ही मुक्ति की प्राप्ति संभव

पलवल, [हरियाणा]। मानव का परम लक्ष्य मुक्ति प्राप्त करना है। मुक्ति ही मनुष्य के दुखों का अंतिम उपाय है। मुक्ति प्राप्ति जन्म-जन्मांतर के शुभ कर्मो का फल होता है। उसके लिए मनुष्यों को योग मार्ग का अनुसरण करना चाहिए।

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वैदिक धर्म प्रचारिणी सभा के तत्वावधान में न्यू कालोनी स्थित डीएवी की जूनियर विंग में आयोजित चतुर्वेद पारायण महायज्ञ में बुधवार को यह बात स्वामी सूर्यवेश ने कही।

उन्होंने कहा कि मनुष्य भूलवश इंद्रियों के संघात शरीर को ही जीवन का परम लक्ष्य मान बैठा है। इंद्रियों की भोग शक्ति को बढ़ाने के कृत्रिम साधन तलाशता रहता है। जीवन के चरम लक्ष्य को भूलकर भौतिक पदार्थो के संग्रह में लगा रहता है।

उन्होंने कहा कि धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष की सिद्धि का यत्न करने से मनुष्य जीवन सफल होगा।

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