तीर्थराज में कोई दान व्यर्थ नहीं जाता
एडीए कालोनी में चल रही भागवत कथा के दौरान गुरुवार को पं. अभिषेक शास्त्री ने कहा कि प्रयाग में कोई भी दान व्यर्थ नहीं जाता। जब राजा बलि ने वामन भगवान को दान देने की बात कही तो उन्होंने तीन पग में ही धरती, आकाश और पाताल को नाप लिया।
प्रयाग। एडीए कालोनी में चल रही भागवत कथा के दौरान गुरुवार को पं. अभिषेक शास्त्री ने कहा कि प्रयाग में कोई भी दान व्यर्थ नहीं जाता। जब राजा बलि ने वामन भगवान को दान देने की बात कही तो उन्होंने तीन पग में ही धरती, आकाश और पाताल को नाप लिया। इसके बाद भी राजा बलि विचलित नहीं हुए और संकल्प पूरा करने के लिए स्वयं को भी दान कर दिया। संसार में इससे सुंदर दान का उदाहरण शायद ही कहीं मिले। कहा कि सच्चे हृदय से दान करने वाले की मनोकामना भगवान जरूर पूरी करते हैं। सूर्यवंश के प्रतापी और दानी राजाओं की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि सत्यवादी राजा हरिष्चंद्र ने अपने सिद्धांतों से कभी समझौता नहीं किया। वहीं भगीरथ ने पुरखों को तारने के लिए ऐसी तपस्या की कि उनका नाम सुनहरे अक्षरों में इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। वहीं सूर्यवंश में जन्म लेकर मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने असुरों का विनाश किया। उन्होंने एक आदर्श स्थापित किया और वंश का नाम रोशन किया। इसी प्रकार चंद्रवंश में जन्म लेकर भगवान श्रीकृष्ण ने संतों, ब्रांाणों, गऊओं और भक्तों की रक्षा की। भगवान श्रीकृष्ण की लीला का वर्णन करते हुए उन्होंने उनकी दिव्य झांकी का दर्शन कराया। जिससे लोग आनंदित होकर झूमने लगे और पंडाल जयकारों से गूंजने लगा।
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