दानपात्र बैन, रसीद कटती रहेगी
अदालती आदेश के बाद लागू व्यवस्था की कड़ी में बुधवार को जिला प्रशासन ने कड़े सुरक्षा पहरे और गंगासभा के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हरकी पैड़ी क्षेत्र के दान पात्रों को खोलने का काम शुरू किया। दिनभर में 58 दान पात्रों में से केवल 20 ही खोले जा सके।
हरिद्वार, जागरण प्रतिनिधि। अदालती आदेश के बाद लागू व्यवस्था की कड़ी में बुधवार को जिला प्रशासन ने कड़े सुरक्षा पहरे और गंगासभा के पदाधिकारियों की मौजूदगी में हरकी पैड़ी क्षेत्र के दान पात्रों को खोलने का काम शुरू किया। दिनभर में 58 दान पात्रों में से केवल 20 ही खोले जा सके। गंगा आरती से पहले यह प्रक्रिया रोक दी गई, बाकी दानपात्र बृहस्पतिवार को खोले जाएंगे। मंशा देवी के दान पात्र एक रोज पहले ही खोले जा चुके हैं, जबकि चंडी देवी मंदिर प्रशासन कोर्ट के आदेश आने के बाद अपने स्तर पर ही दानपात्र हटा चुका है। पारदर्शिता बरतने के लिए पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी कराई जा रही है। नई व्यवस्था लागू होने के फलस्वरूप अब इन तीनों धार्मिक स्थलों पर दानपात्र नहीं रखे जा सकेंगे। अलबत्ता, प्रशासन की देख-देख में दान राशि की रसीद काटी जा सकेंगी। जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए पिछले दिनों उच्च न्यायालय ने हरकी पैड़ी, मंशा देवी मंदिर और चंडी देवी मंदिर से दान पात्रों को हटाने के निर्देश दिए थे। हाइकोर्ट के निर्देश पर बनी प्रशासनिक समिति ने 11 जनवरी को मंशा देवी मंदिर और हरकी पैड़ी में गंगा सभा के दान पात्रों को सीज कर दिया था। मंगलवार से दानपात्रों को खोलने का काम शुरू हुआ। पहले दिन मंशा देवी मंदिर के छह दान पात्रों को खोला गया। इनमें 2.20 लाख रुपये निकले। बुधवार सुबह से हरकी पैड़ी क्षेत्र में गंगासभा द्वारा लगाए गए दान पात्र खोलने की प्रक्रिया शुरू हुई। सहायक कोषाधिकारी बारु सिंह ने बताया कि 20 दान पात्रों से 71,926 रुपये निकले। दो रुपये का नेपाली सिक्का और 10 रुपये का नेपाली नोट भी दान पात्र से निकला है।
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