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अब संतों-महंतों को मथ रही दामिनी

दिल्ली में दरिंदगी का शिकार हुई दामिनी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अब जब वह इस दुनिया में नहीं है, पर प्रयाग की धरती पर लगे कुंभ को मथ रही है। पूरे देश में नारी सुरक्षा को लेकर नई बहस खड़ी करने वाली दामिनी साधु-संतों के बीच भी चर्चा का केंद्र बन गई है।

By Edited By: Published: Fri, 25 Jan 2013 02:59 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2013 02:59 PM (IST)
अब संतों-महंतों को मथ रही दामिनी

इलाहाबाद। दिल्ली में दरिंदगी का शिकार हुई दामिनी ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। अब जब वह इस दुनिया में नहीं है, पर प्रयाग की धरती पर लगे कुंभ को मथ रही है। पूरे देश में नारी सुरक्षा को लेकर नई बहस खड़ी करने वाली दामिनी साधु-संतों के बीच भी चर्चा का केंद्र बन गई है। मेले में बह रही भक्ति की बयार के बीच दामिनी प्रकरण पर भी मंथन बरकरार है। यह दामिनी का ही दम है, जिसने पहली बार आस्था के मेले में नारी सशक्तिकरण के मायनों को नई परिभाषा पर विमर्श छेड़ रखा है।

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मेले में शिविर लगाए कई संगठन इस बार नारी तुम श्रद्धा हो का नारा बुलंद कर रहे हैं। आस्था और अध्यात्म के संगम के बीच नारी सुरक्षा पर भी बहस छिड़ी हुई है। मेले में आई दिल्ली की संस्था श्री अनामी सर्वहितकारी आध्यात्मिक धर्मार्थ न्यास ने मेले में इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया है। उसके कार्यकर्ता मेला क्षेत्र में पंफ्लेट बांट रहे हैं, जिसमें दामिनी प्रकरण का उल्लेख किया गया है। संस्था मेले में आए श्रद्धालुओं से नारी सुरक्षा को लेकर संकल्प ले रही है। लोगों को वचन दिलाया जा रहा है कि वह नारी की सुरक्षा को लेकर सजग रहेंगे, ताकि दिल्ली में दामिनी के साथ जो हुआ, उसकी पुनरावृत्ति न हो। यही नहीं विराट महाकुंभ में आने वाले साधु संतों से यह अपील की गई कि वे धर्मरक्षा के साथ नारी सुरक्षा को भी आगे आएं, तभी भारत विश्‌र्र्वगुरु कहलाने का असली हकदार होगा।

अरैल स्थित परमार्थ निकेतन के शिविर में भी बेटियों को बचाने का आंदोलन चलाया जा रहा है। इसी परिप्रेक्ष्य में गुरुवार को निषाद बेटियों का चिदानंद सरस्वती मुनि के निर्देशन में आश्रम के ऋषिकुमारों ने सम्मान किया और रक्षा सूत्र बंधवाया। आश्रम मेला क्षेत्र में नारी सम्मान को लेकर कई तरह के आयोजन कर रहा है।

वैसे तो गायत्री परिवार हमेशा से नारी सशक्तिकरण की परिभाषा को परिभाषित करता रहा है, लेकिन इस बार संस्था ने पूरे मेला क्षेत्र में एक अभियान चला रखा है। महिलाओं से संबंधित लघु पुस्तकें श्रद्धालुओं में बांटी जा रही हैं। इसमें महिलाओं को भी सचेत रहने को कहा गया है। किताब के माध्यम से संस्था मेले में आए श्रद्धालुओं को यह बताने की कोशिश कर रही है कि महिलाएं किसी मायने में पुरुषों से कम नहीं हैं। यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि महिलाओं को अगर घर के चूल्हे चौके तक ही सीमित कर दिया जाएगा तो समाज उनसे मिलने वाले लाभ से वंचित हो जाएगा। सेक्टर नौ में गायत्री परिवार बरेली के शिविर में मौजूद स्वामी अच्युतानंद बताते हैं कि नारी सुरक्षित रहेगी, तभी देश की संस्कृति बचेगी।यही नहीं मेला क्षेत्र के सेक्टर नौ में जगद्गुरु स्वामी महेशाश्रम के शिविर में चल रहे प्रवचन में नारी सम्मान पर ही चर्चा होती है। देश में लड़कियों की संख्या में आ रही गिरावट, महिलाओं से बढ़ रही दुराचार की घटनाएं और भ्रूण हत्या जैसी घटनाओं को लेकर श्रद्धालुओं को बाकायदा संकल्प दिलाया जा रहा है। यही नहीं मेला क्षेत्र में भ्रूण हत्या को लेकर होर्डिग आदि भी लगाई गई हैं।

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