प्रिय को सदैव निकट रखते हैं भोलेनाथ
काशी में जो भी रहते हैं, वह शिव के प्रिय हैं। भगवान शिव की उन पर विशेष कृपा है। इसलिए उन्हें काशी में वास, प्रवास का अवसर मिला है। एक भक्त की आस्था को दृष्टि में रखकर बात करें तो यह और भी स्पष्ट प्रतीत हो जाता है। जो भगवान भोलेनाथ के प्रिय हैं, उन्हें शिव सदैव अपने निकट रखते हैं। काशी और उसके बहुतेरे वासियों का जीवन क्त्रम इस बात का उदाहरण है।
वाराणसी। काशी में जो भी रहते हैं, वह शिव के प्रिय हैं। भगवान शिव की उन पर विशेष कृपा है। इसलिए उन्हें काशी में वास, प्रवास का अवसर मिला है। एक भक्त की आस्था को दृष्टि में रखकर बात करें तो यह और भी स्पष्ट प्रतीत हो जाता है। जो भगवान भोलेनाथ के प्रिय हैं, उन्हें शिव सदैव अपने निकट रखते हैं। काशी और उसके बहुतेरे वासियों का जीवन क्त्रम इस बात का उदाहरण है।
यह बात गंगा सेवा अभियानम् के सार्वभौम संयोजक दण्डी संन्यासी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने मंगलवार को केदारघाट स्थित श्रीविद्या मठ में चातुर्मास्य व्रत की 21 वीं संध्या के प्रवचन सत्र में कहीं। कहा कि कुछ लोगों का जन्म तो काशी में हुआ, किंतु शिक्षा और अन्यान्य कारणों से वे काशी में नहीं रह सके।
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