अपार शक्ति के मालिक थे बाबा केशव
हजारों वर्षो से इस देश की धरती पर संत-महापुरुषों ने जन्म लेकर इसे पावन बनाया है। इन्हीं में से एक थे अपार शक्ति के मालिक परम प्रतापी श्री सिद्ध बाबा केशव नाथ जठेरे। बाबा केशव नाथ ने सैकड़ों वर्ष पूर्व जालंधर की इस पावन धरती पर जन्म लेकर लोगों का उद्धार किया।
जालंधर, जागरण संवाददाता। हजारों वर्षो से इस देश की धरती पर संत-महापुरुषों ने जन्म लेकर इसे पावन बनाया है। इन्हीं में से एक थे अपार शक्ति के मालिक परम प्रतापी श्री सिद्ध बाबा केशव नाथ जठेरे। बाबा केशव नाथ ने सैकड़ों वर्ष पूर्व जालंधर की इस पावन धरती पर जन्म लेकर लोगों का उद्धार किया।
बाबा जी के जीवन को लेकर प्रचलित कथा के मुताबिक सैकड़ों वर्ष पूर्व जब सिरसा के इलाके में भीषण अकाल पड़ा था तो वहां सामान्य जीवन जीना मुश्किल हो गया। अनहोनी से वाकिफ बाबा केशव नाथ जी सभी भक्तों, जिनमें मुख्यत: महेंद्रू-बाहरी बिरादरी के सदस्य थे, को परमस्थली जालंधर जाने के निर्देश दिए। पूरा इलाका बाबा जी की अगुवाई में फिरोजपुर से कपूरथला व कपूरथला से होते हुए जालंधर को रवाना हो गया। शहर में प्रवेश से पूर्व काफिला बस्ती पीर दाद में ठहरा। उन्होंने जंगल के रूप में एकांत स्थान पर अपना डेरा लगाने का निश्चय लेते हुए बाकी के काफिले को शहर के भीतरी इलाके में जाने को कहा। उस समय यह काफिला जिस इलाके में बसा वह महेंद्रू मोहल्ला के नाम से प्रसिद्ध हुआ।
आश्रम के रूप में विकसित हुए इस स्थान पर देश भर से संत महापुरुषों का आगमन होने लगा व भक्ति की बयार बहने लगी। इसी स्थान पर बाबा जी स्वर्ग सिधार गए व यहीं उनकी पवित्र समाधि बनाई गई। इसके बाद से माघ सुदी दसवीं वाले दिन बाबा जी की स्मृति में भव्य मेले का आयोजन होता है। मान्यता है कि मेले के दौरान इस स्थान पर सच्चे दिल से मांगी हर मनोकामना पूरी होती है। स्वतंत्रता सेनानी स्व. धर्मपाल महेंद्रू, स्व. राम मूर्ति महेंद्रू, नन्द किशोर महेंद्रू व नन्द लाल महेंद्रू ने इस आश्रम को भव्य बनाने की पहल की थी, जो विकसित होने के बाद विशाल रकबे में फैल चुका है।
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