अपने भक्तों की रक्षा करते हैं भगवान
भगवान को अपने भक्त प्यारे हैं। शरणागत को कोई भी दुख, संताप हो भगवान उसे मझवार में नही छोड़ते बल्कि उसके सभी दुखों का हरण कर लेते हैं। यही भगवद् कृपा है, जिसे प्राप्त करने की लालसा हर किसी में रहती है।
गोरखपुर। भगवान को अपने भक्त प्यारे हैं। शरणागत को कोई भी दुख, संताप हो भगवान उसे मझवार में नही छोड़ते बल्कि उसके सभी दुखों का हरण कर लेते हैं। यही भगवद् कृपा है, जिसे प्राप्त करने की लालसा हर किसी में रहती है। उक्त विचार श्रीराम कथा में संत स्वामी नरहरिदास ने व्यक्त किया।
कथा में उन्होंने कहा कि मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु काम है। इससे बचने का उपाय प्रभु श्रीराम के शरण में आना ही है। शरणागत होने का लाभ है कि साधक से कोई चूक भी हो जाए तो उसे दोष नही लगता, क्योंकि उसका सारा उत्तरदायित्व भगवान का हो जाता है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर