कार्तिक में विष्णु दूर करेंगे हर बाधा
स्नान, दान का मास कार्तिक मंगलवार से आरंभ हो रहा है। इसमें सुबह यमुना स्नान व शाम को तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने का विधान है।
इलाहाबाद। स्नान, दान का मास कार्तिक मंगलवार से आरंभ हो रहा है। इसमें सुबह यमुना स्नान व शाम को तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने का विधान है। मान्यता है कि एक माह तक यम, नियम से यमुना या किसी पवित्र नदी में स्नान करने व तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाने से भगवान विष्णु को प्रसन्नता मिलती है और साधक अकाल मृत्यु से मुक्त हो जाता है। श्रीधर्मज्ञनोपदेश संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी बताते हैं कि कार्तिक मास में भगवान विष्णु का पूजन करने का विधान है। सुबह यमुना स्नान एवं शाम को तुलसी के पौधे के निकट दीपक जलाकर उसकी 12 बार परिक्रमा करने से बाधा दूर होती है और परिवार का कल्याण होता है।
दीपदान से दूर होगा अंधेरा- भारतीय विद्या भवन के निदेशक धर्माचार्य डॉ. रामनरेश त्रिपाठी बताते हैं कि कार्तिक मास हिंदू कैलेंडर में आठवें नंबर पर आता है। इसी मास 24 नवंबर को देवोत्थान एकादशी में भगवान विष्णु अपनी चार माह की योगनिद्रा से जागेंगे। यह धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष देने वाला होता है। दीपदान किसी देवालय, नदी या तुलसी के पौधे के पास करना चाहिए। ऊं नमो भगवते वासुदेवाय नम: का जाप व गीता का पाठ कल्याणकारी होता है। साथ ही पूरे माह मांस, मदिरा, प्याज, लहसुन व मसूर की दाल का सेवन नहीं करना चाहिए।
चांदनी में रखी खीर- अश्विन मास की पूर्णिमा (शरद पूर्णिमा) पर हर ओर भक्तिमय माहौल रहा। माताओं ने संतान की दीर्घायु के लिए व्रत रखकर पूजा, पाठ किया। शाम को चंद्रमा निकलने पर विधि-विधान से उनकी पूजा की गई। चंद्रमा मन के कारक व वनस्पतियों के रक्षक माने जाते हैं। इसके कारण लोगों ने रात में खीर बनाकर उसे चंद्रमा की अमृतमय चांदनी में रखा। इसका सेवन अगले दिन सुबह किया जाएगा, यह खीर अस्थमा रोगियों के लिए रामबाण मानी जाती है।
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