पहली पूजा-शैलपुत्री [स्तोत्र मंत्र]
ध्यान मंत्र वंदे वांच्छितलाभायाचंद्रार्धकृतशेखराम वृषारूढांशूलधरांशैलपुत्रीयशस्विनीम्॥
ध्यान मंत्र
वंदे वांच्छितलाभायाचंद्रार्धकृतशेखराम
वृषारूढांशूलधरांशैलपुत्रीयशस्विनीम्॥
पूणेंदुनिभांगौरी मूलाधार स्थितांप्रथम दुर्गा त्रिनेत्रा
पटांबरपरिधानांरत्नकिरीटांनानालंकारभूषिता॥
प्रफुल्ल वदनांपल्लवाधरांकांतकपोलांतुंग कुचाम
कमनीयांलावण्यांस्मेरमुखीक्षीणमध्यांनितंबनीम॥
स्तोत्र मंत्र
प्रथम दुर्गा त्वहिभवसागर तारणीम
धन ऐश्वर्य दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥
त्रिलोकजननींत्वंहिपरमानंद प्रदीयनाम
सौभाग्यारोग्यदायनीशैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन
भुक्ति, मुक्ति दायनी,शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥
चराचरेश्वरीत्वंहिमहामोह विनाशिन
भुक्ति, मुक्ति दायिनी शैलपुत्रीप्रणमाभ्यहम॥
कवच मंत्र
ओमकार: में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी.
हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥
श्रीकार: पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी.
हूंकार: पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥
फट्कार: पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा.
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर