मनुष्य के भीतर ही छिपे हैं भगवान
मनुष्य के अंदर ही भगवान छिपे हुए होते हैं। भगवान को जानने-समझाने के लिए मानव को दर-दर भटकना नहीं है। ये बातें बुधवार को अपने प्रवचन के दौरान आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी महामाया भारती ने कही।
पिस्कानगड़ी। मनुष्य के अंदर ही भगवान छिपे हुए होते हैं। भगवान को जानने-समझाने के लिए मानव को दर-दर भटकना नहीं है। ये बातें बुधवार को अपने प्रवचन के दौरान आशुतोष महाराज की शिष्या साध्वी महामाया भारती ने कही। वे नगड़ी राधाकृष्ण परिसर में आयोजित श्रीरामचरित मानस एवं गीता विवेचना के दूसरे दिन प्रवचन दे रही थीं। उन्होंने कहा कि मानव जीवन को इस प्रकार से मृग तृष्णा में फंसा लिया गया है कि उससे निकलना मुश्किल है। स्वामी शिवानंद जी ने कहा कि हम भारत की संतान है, इसलिए हमें पश्चिमी संस्कृति से दूर रहकर भारतीय संस्कृति को अपनाना चाहिए। संगीतमय प्रवचन में प्रदीप कुमार, पूनम भारती ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
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