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भारत का मैकग्रा बनना है मेरा लक्ष्य

अहमदाबाद। वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा सीरीज में शानदार गेंदबाजी कर रहे टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव का लक्ष्य भारत का ग्लेन मैकग्रा बनने का है। पूर्व आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मैकग्रा से प्रेरित यादव भी इस आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज की तरह ही लाइन और लेंथ के विशेषज्ञ बनना चाहते हैं।

By Edited By: Published: Sun, 04 Dec 2011 04:54 PM (IST)Updated: Sun, 04 Dec 2011 04:54 PM (IST)
भारत का मैकग्रा बनना है मेरा लक्ष्य

अहमदाबाद। वेस्टइंडीज के खिलाफ मौजूदा सीरीज में शानदार गेंदबाजी कर रहे टीम इंडिया के तेज गेंदबाज उमेश यादव का लक्ष्य भारत का ग्लेन मैकग्रा बनने का है। पूर्व आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मैकग्रा से प्रेरित यादव भी इस आस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज की तरह ही लाइन और लेंथ के विशेषज्ञ बनना चाहते हैं।

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यादव ने वेस्टइंडीज के खिलाफ सोमवार को होने वाले तीसरे वनडे मैच की पूर्व संध्या पर कहा, मैं निजी तौर पर ग्लेन मैकग्रा को पसंद करता हूं। मैं अपनी जिंदगी में उनकी तरह गेंदबाजी करने की भरसक कोशिश करूंगा। मैकग्रा मेरे नायक हैं और मैं उनसे प्रेरित हूं तथा उनकी तरह गेंदबाजी करना चाहता हूं। यादव और वरुण आरोन ने कटक में पहले वनडे में आखिरी विकेट के लिए 12 रन की साझेदारी करके भारत को एक विकेट से जीत दिलाई थी। यादव ने उस साझेदारी के बारे में कहा, हम निचलेक्रम के बल्लेबाज हैं और नौवां विकेट गिरने के बाद हमने सोचा कि अब क्या करना चाहिए। मैं सही शाट खेलना चाहता था। केवल एक या दो रन ही पर्याप्त थे। आरोन भी यही सोच रहा था। सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण जैसे सीनियर खिलाडि़यों के साथ कुछ दिन पहले आस्ट्रेलियाई दौरे पर रवाना होने की तैयारी कर रहे यादव ने कहा कि इससे उन्हें वहां के विकेटों से तालमेल बिठाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा, भारतीय विकेट वहां की तुलना में भिन्न है। यदि मुझे कुछ अतिरिक्त दिन मिलते हैं तो यह मेरे लिए अच्छा रहेगा। इससे मैं वहां के विकेट को समझ पाऊंगा। यह अच्छा है कि मैं पहले जा रहा हूं। यादव ने कहा कि उनके निशाने पर कोई खास आस्ट्रेलियाई बल्लेबाज नहीं है। उन्होंने कहा, प्रत्येक खिलाड़ी का विकेट महत्वपूर्ण होता है चाहे वह रिकी पोंटिंग का हो या माइकल क्लार्क का, क्योंकि इससे मेरी टीम को फायदा मिलेगा।

इस 24 वर्षीय तेज गेंदबाज ने कहा कि आरोन के साथ गेंदबाजी करने से उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा, वरुण के साथ गेंदबाजी करने में मजा आता है। हम दोनों जूनियर स्तर से एक दूसरे को जानते हैं। जब वह विकेट लेता है तो मैं दूसरे छोर से और अच्छी गेंदबाजी करता हूं। वह भी ऐसा करता है। यादव का भी मानना है कि टेस्ट क्रिकेट ही इस खेल का सर्वश्रेष्ठ प्रारूप है क्योंकि इससे खिलाड़ी की संपूर्ण क्षमता का पता चलता है। उन्होंने कहा, टेस्ट क्रिकेट में किसी भी गेंदबाज को लाइन व लेंथ बनाए रखनी होती है और एक खास क्षेत्र में गेंदबाजी करनी पड़ती है। वनडे में आपको विकेट भी लेने होते हैं और रनों पर भी अंकुश लगाना होता है।

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