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बेकार गया पोलार्ड का वार, भारत पांचवां वनडे भी जीता

विस्फोटक बल्लेबाज कीरोन पोलार्ड [119] की धमाकेदार शतकीय पारी भी युवा बल्लेबाज मनोज तिवारी के जुझारू शतक के आगे फीकी साबित हुई और सीरीज के पांचवें व अंतिम वनडे मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को 34 रनों से हराकर सीरीज का समापन 4-1 से करते हुए अपने नाम किया। भारत की पिछले 14 मैचों में यह 12वीं जीत रही।

By Edited By: Published: Mon, 12 Dec 2011 02:40 PM (IST)Updated: Mon, 12 Dec 2011 02:40 PM (IST)
बेकार गया पोलार्ड का वार, भारत पांचवां वनडे भी जीता

चेन्नई। विस्फोटक बल्लेबाज कीरोन पोलार्ड [119] की धमाकेदार शतकीय पारी भी युवा बल्लेबाज मनोज तिवारी के जुझारू शतक के आगे फीकी साबित हुई और सीरीज के पांचवें व अंतिम वनडे मुकाबले में भारत ने वेस्टइंडीज को 34 रनों से हराकर सीरीज का समापन 4-1 से करते हुए अपने नाम किया। भारत की पिछले 14 मैचों में यह 12वीं जीत रही।

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तिवारी ने रिटायर्ड हर्ट होने से पहले 104 रन बनाए जिसमें 10 चौके और एक छक्का शामिल हैं। उन्होंने तब विराट कोहली [80] के साथ चौथे विकेट के लिए 117 रन की साझेदारी की। जिसकी बदौलत पहले ओवर में ही दो विकेट गंवाने के बाद भारत ने 50 ओवर में छह विकेट पर 267 रन बना लिए। जवाब में महज 36 रन पर चार विकेट गंवाने के बाद पोलार्ड ने 110 गेंदों [4 चौका व 10 छक्का] में धमाकेदार पारी खेली जिससे वेस्टइंडीज लक्ष्य के पास पहुंच तो गया लेकिन दूसरे छोर विकेट न होने के कारण पूरी टीम 44.1 ओवर में 233 रन बनाकर आउट हो गई। पोलार्ड के रूप में विंडीज का आखिरी विकेट गिरा। पोलार्ड के अलावा आंद्र रसेल ने भी 53 रनों की पारी खेली। भारत की ओर से रविंदर जडेजा ने 62 रन देकर तीन विकेट चटकाए। जबकि इरफान पठान व अभिमन्यु मिथुन को दो-दो विकेट मिले। बल्ले से असफल रहे गौतम गंभीर ने बतौर कप्तान अपने जीत का रिकार्ड अजये रखा है।

लंबे समय बाद टीम इंडिया में वापसी करने वाले इरफान ने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य के जवाब में उतरी विंडीज टीम को पहली ही गेंद पर लिडंल सिमंस को खाता खोले बगैर ही एलबीडब्ल्यू कर जोरदार झटका दिया। इसके बाद पांचवें ओवर में उन्होंने काइरेन पावेल [15 रन, 16 गेंद, 3 चौका] को बोल्ड कर टीम में अपनी जबर्दस्त वापसी की। पठान की शुरुआती सफलता के बाद अभिमन्यु मिथुन भी लय में आ गए और एक के बाद एक करके मार्लोन सैमुअल्स [6] और जेसन मुहम्मद [2] को पवेलियन की राह दिखाकर झटक लिए। वेस्टइंडीज ने अपने चार विकेट महज 36 रन पर गंवा दिए। इसके बाद दिनेश रामदीन [14] व पोलार्ड ने विकेटों के पतन को कुछ देर रोके रखा और स्कोर 16वें ओवर में 78 रन तक ले गए। रामदीन को रविंदर जडेजा ने एलबीडब्ल्यू कर चलता किया। लगातार विकेट गिरने से स्लो हो चुके रन रेट को पोलार्ड और आंद्रे रसेल [53] ने गेंदबाजों पर जोरदार प्रहार करते हुए टीम की रन गति को तेज कर दिया जिससे पांच रन प्रति ओवर की औसत पर आ गई। दोनों ने छठवें विकेट के लिए 89 रनों की साझेदारी की। इस बीच दोनों ने अपने-अपने अर्धशतक जमाए। एक समय ऐसा लग रहा था कि दोनों ही आराम से टीम को लक्ष्य के पार करा देंगे। लेकिन गंभीर के सटीक थ्रो से रसेल रन आउट हो गए। उन्होंने 42 गेंदों में पांच चौके व तीन छक्के जमाकर पोलार्ड का बढि़या साथ दिया। इसके बाद विपक्षी कप्तान डेरेन सैमी [3] को जडेजा को रहाणे के हाथों कैच कराकर भारत को एक और सफलता तुरंत दिलाई। सुनील नरेन [8] और केमार रोच [0] क्रमश: राहुल शर्मा व जडेजा की गेंद पर आउट हुए। दूसरी तरफ ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करने वाले पोलार्ड ने अपना छोर संभाले रखा और राहुल शर्मा [43वें ओवर] के ओवर में विराट कोहली ने कैच छोड़ दिया जिससे गेंद चार रन के लिए चली गई और पोलार्ड ने अपना शतक ठोक दिया। लेकिन शतक जमाने के बाद पोलार्ड के रूप में विंडीज का अंतिम विकेट गिरा जिससे उसकी जीत के साथ दौरा समाप्त करने की मंशा पर पानी फिर गया।

इससे पूर्व विंडीज कप्तान सैमी फिर से टास जीतने में नाकाम रहे और भारतीय कप्तान गंभीर ने पहले बल्लेबाजी का फैसला किया। भारत ने हालांकि पहले ओवर में ही आजिंक्य रहाणे और पार्थिव पटेल के विकेट गंवा दिए। केमर रोच की मैच की पहली गेंद पर गंभीर ने एक रन लिया। इस सीरीज में अपनी बारी का लंबा इंतजार करने वाले रहाणे अंदर की तरफ आती गेंद का सही तरह से बचाव नहीं कर पाए और पगबाधा आउट हो गए। रोच की अगली गेंद नीची रही जिस पर पार्थिव ने शाट खेलने की जल्दबाजी दिखाई और वह उनके बल्ले का किनारा लेकर विकेटों में समा गई। पहली तीन गेंद पर भारत के दो विकेट निकल चुके थे। तिवारी ने न सिर्फ हैट्रिक बचाई बल्कि संभलकर बल्लेबाजी की। भारत ने पहले दस ओवर में 49 रन बनाए। इस बीच भारतीयों के लिहाज से सातवां ओवर अधिक फलदायक रहा जिसमें 15 रन बने।

भारत को तीसरा झटका एंथनी मार्टिन ने गंभीर को पगबाधा आउट करके दिया। गंभीर ने अपने 31 रन के लिए 41 गेंद खेली तथा दो चौके लगाए। तिवारी और कोहली ने विकेटों के बीच अच्छी दौड़ के दम पर रन बटोरे जिससे 31वें ओवर में जाकर भारतीय रन रेट पांच के ऊपर पहुंच पाया। जब बल्लेबाजी पावरप्ले का पहला ओवर स्पिनर सुनील नरेन का सौंपा गया तो तिवारी ने मिड आफ पर पारी का पहला छक्का जमाकर अपना स्कोर 96 रन पर पहुंचाया। उन्होंने इसी आफ स्पिनर के अगले ओवर में चौका लगाकर अपना पहला वनडे शतक पूरा किया। इसके लिए उन्होंने 125 गेंद खेली तथा दस चौके और एक छक्का लगाया। तिवारी इस बीच ऐंठन से परेशान थे और नारायण की अगली गेंद पर एक रन लेने के बाद वह रिटायर्ड हर्ट होकर मैदान से बाहर चले गए। बेहतरीन फार्म में चल रहे रोहित शर्मा और कोहली पर अब अंतिम दस ओवर में रन बटोरने का जिम्मा था लेकिन दोनों परिस्थिति के अनुकूल लप्पेबाजी करने में नाकाम रहे। कोहली ने जब मार्टिस की गेंद पर ऐसी कोशिश की तो लांग आन पर मर्लोन सैमुअल्स को आसान कैच दे बैठे जबकि रोहित अगले ओवर में नारायण की गेंद पर पूरी तरह चकमा खाकर बोल्ड हो गए। कोहली ने 85 गेंद खेली और पांच चौके लगाए जबकि रोहित ने 26 गेंद पर 21 रन बनाए। लगभग पौने तीन साल बाद भारतीय टीम में वापसी करने वाले पठान ने 49वां ओवर मेडन जाने दिया। वह आखिर में दस गेंद पर चार रन बनाकर पारी की आखिरी गेंद पर रन आउट हुए जबकि सुरेश रैना 16 रन बनाकर नाबाद रहे।

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