हमारे देवालय
लाहाबाद जंक्शन से सिटी साइड से टेंपो से कचहरी पहुंचने के बाद वहां से रिक्शे आदि से पहुंचा जा सकता है। जंक्शन के किसी भी साइड से आटो से भी सीधे पहुंच सकते हैं। यदि आप सिविल लाइंस बस अड्डे से आना चाहते हैं तो चौराहे से टेंपो से कचहरी पहुंचकर रिक्शे से जाया जा सकता है।
इलाहाबाद जंक्शन से सिटी साइड से टेंपो से कचहरी पहुंचने के बाद वहां से रिक्शे आदि से पहुंचा जा सकता है। जंक्शन के किसी भी साइड से आटो से भी सीधे पहुंच सकते हैं। यदि आप सिविल लाइंस बस अड्डे से आना चाहते हैं तो चौराहे से टेंपो से कचहरी पहुंचकर रिक्शे से जाया जा सकता है। कचहरी से यह अधिक दूर नहीं है। संगम स्नान करने आए हैं तो सिद्धपीठ के दर्शन भी करें।
इलाहाबाद नगर के सिद्धपीठों की श्रृंखला में कटरा के काली स्थान का महत्वपूर्ण स्थान है। विश्वविद्यालय मार्ग चौराहे से नेतराम चौराहे की ओर बढ़ते ही दायीं ओर देवी काली का सिद्धपीठ है जिसे कालीनाथ के नाम से जाना जाता है। जीर्णोद्धार के बाद देवी का यह प्रसिद्ध मंदिर बाहर से तो नया दिखता है परन्तु संचालकों के अनुसार मंदिर में देवी काली की प्रतिमा लगभग पांच दशक पुरानी है। मंदिर में काली प्रतिमा के पास ही दुर्गा और उनके बायीं ओर भव्य भैरव का पिण्ड स्थापित है।
पहले मंदिर की प्रतिमाएं पीछे पीपल के पेड़ के पास ही रखी हुई थीं, जिन्हें जीर्णोद्धार के बाद नया आधार दिया गया। आज भी यह स्थान वाममार्गीय साधकों के लिए महत्वपूर्ण है। जनश्रुतियों के अनुसार दशकों पहले इस मंदिर में बलि दी जाती थी, बाद में यह परंपरा बंद हो गयी। नवरात्र के दिनों में यहां देवी के दर्शन पूजन और पाठ के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं। मंदिर के प्रधान पुजारी श्रीकृष्णाकांत तिवारी की देखरेख में यहां विविध धार्मिक अनुष्ठान संचालित किये जाते हैं।
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