जारी रखनी है अमृत की तलाश
कुंभ महज धार्मिक आयोजन न रह जाए इसलिए हमें यह तय करना होगा कि आने वाला हर श्रद्धालु यहां से देश को पर्यावरण मुक्त बनाने का संकल्प लेकर जाए। जिस अमृत की तलाश में हम आए हैं, वह तो पृथ्वी को बचाने से ही मिल सकेगा। यदि पृथ्वी व गंगा को बचाना है तो पर्यावरण व जल का संरक्षण करना ही होगा।
कुंभनगर। कुंभ महज धार्मिक आयोजन न रह जाए इसलिए हमें यह तय करना होगा कि आने वाला हर श्रद्धालु यहां से देश को पर्यावरण मुक्त बनाने का संकल्प लेकर जाए। जिस अमृत की तलाश में हम आए हैं, वह तो पृथ्वी को बचाने से ही मिल सकेगा। यदि पृथ्वी व गंगा को बचाना है तो पर्यावरण व जल का संरक्षण करना ही होगा। यह बातें परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष और गंगा एक्शन परिवार के संस्थापक स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि जी ने शुक्रवार को मेला क्षेत्र स्थित शिविर में कहीं। मुनि जी ने कहा कि जीवन में बाधाएं तो आती ही रहती हैं लेकिन जो बाधाओं से लड़कर आगे निकलते हैं वही अमृत रूपी सफलता पाते हैं। महात्मा गांधी ने कहा था, पूरी दुनिया की जरूरत पूरी करने में यह धरा सक्षम है पर एक व्यक्ति की हवस इस पर भारी पड़ सकती है। मुनि जी ने कहा कि इस कुंभ को हमें ग्रीन कुंभ बनाना है। यहां आने वाला हर श्रद्धालु एक पौधे के रूप में यह संदेश लेकर जाए कि पृथ्वी को बचाने का दायित्व उस पर भी है। यही गंगा एक्शन परिवार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास प्रयाग को ग्रीन टूरिच्म से जोड़ने का है। इसके लिए सभी धर्मो के आचार्यो को एक मंच पर लाने के प्रयास चल रहे हैं।
कहा कि देश में मंदिरों की संख्या लाखों में है, अब जरूरत शौचालय बनाने की है। वह भी बायोग्रीन टायलेट। जिनके माध्यम से न सिर्फ पर्यावरण स्वच्छ रहेगा बल्कि हमारी ऊर्जा जरूरतें भी पूरी होंगी। ऋषिकेश स्थित परमार्थ निकेतन परिसर से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। मुनि जी ने कहा गाय के जरिए हम अर्थव्यवस्था को संवारने का काम करेंगे।
आज जुटेंगे चार प्रदेशों के मेयर-
गंगा एक्शन परिवार के शिविर में शनिवार को आयोजित संगोष्ठी में उत्तर प्रदेश, उत्तरांचल और मध्य प्रदेश समेत चार प्रदेशों के डेढ़ दर्जन मेयर और नगर पालिक अध्यक्ष जुटेंगे। इस संगोष्ठी का उद्घाटन उत्तरांचल के राज्यपाल डॉ. अजीज कुरैशी करेंगे। जबकि समापन रविवार को उत्तर प्रदेश के राज्यपाल बीएल जोशी द्वारा किया जाएगा। इस मौके पर होने वाली पर्यावरण परेड में छह हजार बच्चे शामिल होंगे। गोष्ठी में गंगा और पर्यावरण की स्वच्छता पर मंथन होगा।
गंगा तट पर गंगा जलपान योजना -
गंगा एक्शन परिवार की ओर से गंगा के तट पर गंगा जल पान योजना शनिवार से शुरू की जाएगी। इसके तहत हैदराबाद की एक कंपनी गंगाजल को शोधित कर उसे पीने लायक बनाने वाली मशीन अरैल तट पर लगाएगी। मार्च तक इलाहाबाद समेत गंगा और यमुना तट पर बसे तीर्थ स्थलों पर ऐसी दो सौ मशीनें और लगाने की योजना है।
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