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कुंभ में ईसाई मिशनरियों ने मांगी जमीन

कुंभ मेले में कुछ मुसलमानों के कैंप लगाने और संगम के जल से वजू करने पर तमाम हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई है। वैसे गैर हिंदुओं के कुंभ में हिस्सेदारी का मामला कोई नया नहीं है। दस्तावेजों के मुताबिक संगम तीर लगने वाले मेलों में 1840 से ईसाई मिशनरी अपना कैंप लगाते रहे हैं।

By Edited By: Published: Fri, 25 Jan 2013 12:50 PM (IST)Updated: Fri, 25 Jan 2013 12:50 PM (IST)
कुंभ में ईसाई मिशनरियों ने मांगी जमीन

इलाहाबाद। कुंभ मेले में कुछ मुसलमानों के कैंप लगाने और संगम के जल से वजू करने पर तमाम हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति जताई है। वैसे गैर हिंदुओं के कुंभ में हिस्सेदारी का मामला कोई नया नहीं है। दस्तावेजों के मुताबिक संगम तीर लगने वाले मेलों में 1840 से ईसाई मिशनरी अपना कैंप लगाते रहे हैं। इस कैंप के जरिए वह कुंभ मेले में श्रद्धालुओं की सेवा के साथ ईसाई धर्म का प्रचार भी करते थे। कुंभ मेले के परेड ग्राउंड पर लगी प्रदर्शनी के क्षेत्रीय अभिलेखागार के पंडाल में कुछ ऐसे ही दिलचस्प दस्तावेज मौजूद हैं। क्षेत्रीय अभिलेख अधिकारी अमित अग्निहोत्री 30 दिसंबर 1880 के एक दस्तावेज दिखाते हुए बताते हैं कि उर्दू-फारसी में लिखा यह पत्र मेले में जमीन के लिए ईसाई मिशनियों द्वारा लिखा गया था।

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इस पत्र में कहा गया है कि ईसाई मिशनरियों को चौड़ी सड़के के किनारे मनमाफिक जगह दी जाय जहां वह अपना शामियाना लगा सके। यह पत्र पादरी जांसटन ने इलाहाबाद के तत्कालीन ज्वाइंट मजिस्ट्रेट मिस्टर बेंसन को लिखा था। इस पत्र में हवाला दिया गया है कि पिछले चालीस साल यानी 1880 से जमीन का आवंटन होता रहा है। जमीन के लिए मेला कोतवाल को भी आदेश दिए जाने के लिए अर्ज किया गया है। इस पत्र के जवाब में दो जनवरी 1882 को एक और पत्र भी जारी किया गया था।

पादरी द्वारा भेजा गया भूमि आवंटन का प्रार्थना पत्र-

रूबकारी कचेहरी फौजदारी इजलास मिस्टर बेन्सन साहब बहादुर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट वाक-ए-तारीख दो जनवरी सन् 1882 ई. चिट्ठी एवं हिदायत जांसटन साहब पादरी मोरखा 30 दिसंबर सन 1881 बदी मजमून मौसूल सररिश्ता हुई है कि यह इस्तेदुआ है कि आप हमको वही इजाजत अता कीजिए कि जिस से तखमीनन अरसा चालीस साल से हम लोग मुस्तफीद हो रहे हैं यानि एक मुनासिब टुकड़ा जमीन का जिस पर कि हम लोगों का शामियाना वास्ते वाअज के सड़क-ए-आम आराजी मेला माघ पर खड़ा किया जावे और वह जगह चूंकि हमेशा मिलती रही हम लोगों के मुवाफिक होगी अगर आज इस पर राजी हों और कोतवाल इंचार्ज को हिदायत कीजिए तो हमारे मिशन इसको बड़ी मेहरबानी तसव्वुर करेंगे।

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