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तमिलनाडु के लिए फिर काल बने ओपनर

सलामी बल्लेबाज विनीत सक्सेना ने साहसिक शतक जमाने के बाद आकाश चोपड़ा के साथ पहले विकेट के लिए अविजित दोहरी शतकीय साझेदारी कर रणजी ट्राफी टूर्नामेंट के फाइनल के पहले दिन मेजबान तमिलनाडु के खिलाफ गत चैंपियन राजस्थान की एक बार फिर नायाब शुरुआत करा दी।

By Edited By: Published: Thu, 19 Jan 2012 09:35 PM (IST)Updated: Thu, 19 Jan 2012 09:35 PM (IST)
तमिलनाडु के लिए फिर काल बने ओपनर

चेन्नई। सलामी बल्लेबाज विनीत सक्सेना ने साहसिक शतक जमाने के बाद आकाश चोपड़ा के साथ पहले विकेट के लिए अविजित दोहरी शतकीय साझेदारी कर रणजी ट्राफी टूर्नामेंट के फाइनल के पहले दिन मेजबान तमिलनाडु के खिलाफ गत चैंपियन राजस्थान की एक बार फिर नायाब शुरुआत करा दी।

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दिन का खेल खत्म होने तक राजस्थान ने बिना विकेट गंवाए 221 रन बना लिए जिसमें चोपड़ा 86 और सक्सेना 120 रन बनाकर क्रीज पर मौजूद हैं। दिलचस्प बात यह है कि यह वही सलामी जोड़ी है जिसने पिछले साल जयपुर में हुए रणजी ट्राफी सेमीफाइनल में पहले विकेट के लिए 181 रन जोड़कर तमिलनाडु को हताश किया था। लेकिन आज उन्होंने इससे बेहतर प्रदर्शन करते हुए 221 रन साझेदारी निभाई। सक्सेना ने अपनी नाबाद शतकीय पारी में 269 गेंद का सामना करते हुए 16 चौके जमाए जबकि चोपड़ा ने 10 चौकों की मदद से 273 गेंद में नाबाद 86 रन बना लिए। कप्तान रिषिकेश कानितकर ने टास जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया जिसे ओपनरों ने सही साबित किया।

चेपक पर गेंदबाजों को कोई मदद नहीं मिल रही थी जिससे राजस्थान की टीम कानितकर, रश्मि रंजन परिदा और रोबिन बिष्ट की मदद से निश्चित रूप से 550 रन से अधिक का स्कोर बनाने की कोशिश करेगी। सक्सेना और चोपड़ा के लिए दोनों सत्र में एक ही रणनीति रही है कि वे बल्लेबाजी करते हुए कोई जोखिम नहीं उठाएंगे। दोनों ने लूज गेंद का इंतजार किया और धैर्यपूर्वक बल्लेबाजी की। इन दोनों ने जोखिम भरे कोई शाट नहीं खेले। भले ही निर्जीव पिच ने उनकी थोड़ी मदद की हो लेकिन इन दोनों ने नम परिस्थितियों पर जैसी बल्लेबाजी की, उससे इनसे बल्लेबाजी का श्रेय नहीं लिया जा सकता। चोपड़ा ने आफ स्टंप से बाहर सभी गेंदों को छोड़ दिया।

तमिलनाडु के कप्तान लक्ष्मीपति बालाजी ने इन दोनों के बीच पहले विकेट की इस मजबूत साझेदारी को तोड़ने के लिए कई गेंदबाजों को लगाया लेकिन स्टंप तक यह भागीदारी नहीं टूट सकी। सक्सेना ने मिड विकेट क्षेत्र की ओर चौका लगाकर अपना 10वां प्रथम श्रेण शतक पूरा किया जिसके बाद राजस्थान के सभी खिलाडि़यों ने खड़े होकर तालियां बजाई। पूर्व भारतीय टेस्ट सलामी बल्लेबाज चोपड़ा की आंख के नीचे जगन्नाथन कौशिक की शार्ट पिच गेंद लगी थी लेकिन उन्होंने पिच छोड़कर जाने से मना कर दिया। उन्होंने मैदान पर फ‌र्स्ट एड लेकर खेलना जारी रखा। बालाजी, कौशिक और वी यो महेश ने 25 में से 14 ओवर मेडन फेंके। धीमी पिच पर स्पिनर आर औशिक श्रीनिवास [30 ओवर] और सन्नी गुप्ता [13 ओवर] ने मिलकर 43 ओवर फेंके।

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