टीम इंडिया, बोर्ड और चयनकर्ताओं की चौतरफा आलोचना
इंग्लैंड दौरे के बाद एक बार फिर आस्ट्रेलिया के हाथों टेस्ट सीरीज में क्लीनस्वीप के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को चौतरफा आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। पूर्व क्रिकेटरों ने इस हार के लिए स्टार बल्लेबाजों के फ्लाप शो को जिम्मेदार बताते हुए टीम इंडिया में आमूलचूल परिवर्तन करने की मांग की है।
नई दिल्ली। इंग्लैंड दौरे के बाद एक बार फिर आस्ट्रेलिया के हाथों टेस्ट सीरीज में क्लीनस्वीप के बाद भारतीय क्रिकेट टीम को चौतरफा आलोचना का शिकार होना पड़ रहा है। पूर्व क्रिकेटरों ने इस हार के लिए स्टार बल्लेबाजों के फ्लाप शो को जिम्मेदार बताते हुए टीम इंडिया में आमूलचूल परिवर्तन करने की मांग की है।
विदेशी धरती पर भारतीय टीम की यह लगातार आठवीं हार है। आस्ट्रेलिया ने आज चौथे टेस्ट में 298 रन से जीत दर्ज कर सीरीज 4-0 से जीती। इससे पहले टीम इंडिया इंग्लैंड से 0-4 से हार गई थी। पूर्व कप्तान बिशन सिंह बेदी ने कहा, भारतीय टीम में प्रतिबद्धता की कमी नजर आई जबकि दूसरी ओर आस्ट्रेलिया ने जीत के लिए अपनी पूरी ताकत लगाते हुए प्रतिबद्धता दिखाई। आस्ट्रेलिया ने अपना होम वर्क पूरी तरह से किया था। दोनों टीमों में यही बड़ा अंतर रहा। पूर्व मुख्यचयनकर्ता और एक अन्य पूर्व कप्तान दिलीप वेंगसरकर ने कहा, हमारी ताकत बल्लेबाजी ही पूरी तरह से फ्लाप रही जबकि आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क और पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने न सिर्फ शानदार बल्लेबाजी की बल्कि मुसीबत के समय टीम को संकट से भी उबारा। हमारा क्षेत्ररक्षण कमजोर था खासकर हम बल्लेबाज के करीब के कैच नहीं ले पाए। एक अन्य पूर्व कप्तान अजित वाडेकर ने कहा कि वरिष्ठ खिलाडि़यों की घरेलू सर्किट में वापसी होनी चाहिए। इसके अलावा उन्हें इस बात पर आश्चर्य है कि रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों को मौका क्यों नहीं दिया गया। वाडेकर ने कहा, हमारे समय में हम अपने आदर्श पाली उमरीगर के साथ घरेलू क्रिकेट खेलते थे और सीखते थे लेकिन आज कल सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड और वीरेन्द्र सहवाग घरेलू क्रिकेट में नहीं खेलते हैं। वाडेकर के मुताबिक हम वरिष्ठ खिलाडि़यों पर कुछ ज्यादा ही निर्भर हो गए। हमने साफ देखा कि सहवाग पूरी तरह से फ्लाप रहे और इसी तरह गंभीर भी नहीं चले यहां तक की राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण भी संघर्ष करते नजर आए। विराट कोहली ने अच्छा किया लेकिन आश्चर्य है कि रोहित शर्मा और अजिंक्य रहाने को मौका नहीं दिया गया। वाडेकर ने आरोप लगाया कि भारत ने इस सीरीज को गंभीरता से नहीं लिया।
पूर्व स्टार क्रिकेटर चंदू बोर्डे ने भी भारतीय बल्लेबाजी को पूरी तरह से फ्लाप बताया। उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलिया ने भारत के खिलाफ इस सीरीज के लिए पूरी तैयारी की थी लेकिन हमारी तैयारी अधूरी थी। वेंगसरकर ने चयनकर्ताओं में दूरदर्शिता का अभाव बताते हुए कहा कि दौरे का कार्यक्रम ठीक तरह से तैयार नहीं किया गया प्रतिभाशाली बल्लेबाज रोहित शर्मा कोई मैच नहीं खेल पाए। उन्होंने कहा कि इस शर्मनाक हार के बाद बीसीसीआई को पूर्व क्रिकेटरों की एक बैठक बुलानी चाहिए और उनके सुझाव मांगने चाहिए। पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने कहा कि नए कोच डंकन फ्लैचर को भी इस बुरी हार के प्रति जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। क्रिकेट के इतिहास में यह हमारी सबसे बुरी हार है। हमारे पास अच्छे बल्लेबाज होने के बाजजूद हम बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाए। किरमानी ने कहा कि प्रत्येक टीम का बुरा समय आता है लेकिन यह समय लगातार इतना लंबा नहीं खिंचता। अगर पूरी टीम इतना खराब प्रदर्शन कर रही हो तो ऐसे में कप्तान को दोष नहीं दिया जा सकता। पूर्व स्पिनर वेंकटपति राजू ने कहा कि टीम को अच्छी योजना की जरूरत थी। भारतीय टीम दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिकेट खेल रही है प्रत्येक टीम भारत के खिलाफ खेलना चाहती है। कुछ योजना का होना जरूरी है भारतीय टीम बिना रुके लगातार खेल रही है। केवल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की बात नहीं है बल्कि घरेलू क्रिकेट में भी सुधार की गुंजाइश है।
उधर क्रिकेटर सबा करीम का कहना है कि भारतीय क्रिकेट का यह सबसे खराब दौर चल रहा है और अब समय आ गया है कि जब बीसीसीआई को सुधारात्म कदम उठाने चाहिए। पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय चयनकर्ताओं को ज्यादा से ज्यादा रणजी मैच देखने चाहिए ताकि उन्हें घरेलू क्रिकेट के बारे में बेहतर समझ मिल सके । गावस्कर ने कहा, राष्ट्रीय चयनकर्ता उन अंतरराष्ट्रीय मैचों को देखते हुए नजर आते हैं जिसमें ऐसे खिलाड़ी खेलते हैं जो पहले ही चुने जा चुके हैं। राजस्थान ने लगातार रणजी ट्राफी खिताब जीते हैं लेकिन इस टीम का एक भी खिलाड़ी राष्ट्रीय टीम में नहीं है, इस पर गावस्कर ने कहा, चयनकर्ताओं को विनीत सक्सेना जैसे खिलाड़ी को खेलते हुए देखना चाहिए जिसने दोहरा शतक जड़ा था या फिर रोबिन बिष्ट को, जिसने भी रणजी सत्र में अच्छा प्रदर्शन किया है। अशोक मनेरिया को नहीं भूलना चाहिए जिसके बारे में मेरा मानना है कि वह भविष्य का खिलाड़ी है। इस महान सलामी बल्लेबाज को लगता है कि अब चयनकर्ताओं को अच्छा वेतन दिया जाता है, उन्हें घरेलू मैचों को देखने के लिए पूरे देश में घूमने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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