बल्लेबाजी के लायक है कोटला की पिच
अमूमन धीमी शुरुआत करने वाले कैरेबियाई बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल ने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में आक्रामक शुरुआत के लिए फिरोजशाह कोटला के विकेट को जिम्मेदार ठहराया जो उनके शब्दों में बल्लेबाजी के लिए अच्छा है। चंद्रपाल का भारत के खिलाफ यह सातवां शतक है।
नई दिल्ली। अमूमन धीमी शुरुआत करने वाले कैरेबियाई बल्लेबाज शिवनारायण चंद्रपाल ने भारत के खिलाफ पहले टेस्ट क्रिकेट मैच में आक्रामक शुरुआत के लिए फिरोजशाह कोटला के विकेट को जिम्मेदार ठहराया जो उनके शब्दों में बल्लेबाजी के लिए अच्छा है। चंद्रपाल का भारत के खिलाफ यह सातवां शतक है।
चंद्रपाल अब भी 111 रन बनाकर खेल रहे हैं जिससे वेस्टइंडीज ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक पांच विकेट पर 256 रन बनाए। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज से खेल समाप्त होने के बाद जब पूछा गया कि वह अक्सर धीमी शुरुआत करते हैं लेकिन आज उन्होंने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया, उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि विकेट [बल्लेबाजी के लिए] बहुत अच्छा है और इसलिए मैंने संयम बरतने के बजाय आक्रामक रवैया अपनाया। भारतीय गेंदबाज चंद्रपाल के खिलाफ ज्यादा प्रभावी नहीं दिखे लेकिन उन्होंने कहा कि विकेट से मदद नहीं मिलने के बावजूद भारतीयों ने अच्छी गेंदबाजी की। चंद्रपाल ने कहा, उन्होंने स्पिनरों] ने काफी अच्छी गेंदबाजी की। विकेट थोड़ा धीमा खेल रहा था लेकिन उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया। चंद्रपाल का पूरा परिवार भगवान शिव का आराधक है और उनका नाम भी इसी हिन्दू देवता के नाम पर रखा गया है इसलिए कल सोमवार के दिन वेस्टइंडीज का भारतीय मूल का बल्लेबाज चंद्रपाल व्रत रखेंगे। इसका खुलासा उन्होंने आज स्वयं किया।
उन्होंने अपना पहला टेस्ट मैच खेल रहे तेज गेंदबाज उमेश यादव के बारे में कहा, उसकी गेंदों में तेजी है और उसने सही गेंदबाजी की लेकिन विकेट से कोई मदद नहीं मिल रही थी। चंद्रपाल ने अपनी पारी के दौरान क्रेग बे्रथवेट के साथ चौथे विकेट के लिए 108 रन की साझेदारी की। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह किशोर बल्लेबाज जल्द ही शतक बनाने में कामयाब रहेगा। उन्होंने कहा, उसने बहुत सकारात्मक बल्लेबाजी की और पूरी तरह से बेसिक्स पर चलता रहा। वह लगातार दो मैच में अर्धशतक लगा चुका है और उम्मीद की अगली पारी में बड़ी पारी खेलने में सफल रहेगा। चंद्रपाल से जब पूछा गया कि उन्हें अब पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी के लिए उतरना पड़ रहा जबकि पहले वह तीसरे या चौथे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए आते थे, उन्होंने कहा, मैं इस पर गौर नहीं करता। उन्होंने [किर्क एडवर्ड्स और डेरेन ब्रावो] ने बांग्लादेश में सहजता से अच्छे खासे रन जुटाए थे। दुर्भाग्य से आज वे बड़ी पारी नहीं खेल पाए लेकिन वे प्रतिभाशाली हैं और बड़ी पारियां खेलने का माद्दा रखते हैं।
पिछले साल एक समय चंद्रपाल की टीम में जगह पक्की नहीं थी। उस दौर के बारे में उन्होंने कहा, जो चीज मेरे नियंत्रण में नहीं है, मैं उस बारे में नहीं सोचता। मैंने केवल अपने खेल पर ध्यान दिया और इस बीच काउंटी क्रिकेट भी खेला। चंद्रपाल ने इसके साथ ही कहा कि वह टीम में युवा बल्लेबाजों के मेंटोर की भूमिका का लुत्फ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर मैं यह भूमिका निभा रहा हूं। मैं सभी की विशेषकर युवाओं की मदद करता है। जब भी कोई युवा बल्लेबाज मेरे साथ खेल रहा होता है तो मैं उसकी मदद करता हूं।
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