खुद नजारा देखा तो शायरी भूल गए आजम खां
गुपचुप ढंग से कुंभ नगर का हाल जानने पहुंचे प्रदेश के नगर विकास मंत्री मो. आजम खां का सामना कल्पवासियों से हो गया। एकसाथ कई शिकायतें और फिर मीडिया के सैकड़ों सवाल। मो. आजम मुस्कुराए और शायराना अंदाज में हरेक को कहते गए कमियों पर न जाइए, आस्था भारी पड़ेगी। मेलाधिकारी की वकालत भी की, पूछा ईमानदार अधिकारी लगाया है न। यहां भीड़ की आवाज दब गई और मंत्री की तरफदारी भारी पड़ी। कारों का काफिला धुंआ उड़ाता संगम नोज की तरफ बढ़ा और रात के अंधेरे में भीड़ दूर हो गई।
कुंभ नगर। गुपचुप ढंग से कुंभ नगर का हाल जानने पहुंचे प्रदेश के नगर विकास मंत्री मो. आजम खां का सामना कल्पवासियों से हो गया। एकसाथ कई शिकायतें और फिर मीडिया के सैकड़ों सवाल। मो. आजम मुस्कुराए और शायराना अंदाज में हरेक को कहते गए कमियों पर न जाइए, आस्था भारी पड़ेगी। मेलाधिकारी की वकालत भी की, पूछा ईमानदार अधिकारी लगाया है न। यहां भीड़ की आवाज दब गई और मंत्री की तरफदारी भारी पड़ी। कारों का काफिला धुंआ उड़ाता संगम नोज की तरफ बढ़ा और रात के अंधेरे में भीड़ दूर हो गई।
संगम नोज से पहले अचानक कारों का काफिला प्रशासनिक कैंप के सामने जाकर रुक गया। रात के 11 बज रहे थे। यहां मंडलायुक्त देवेश चतुर्वेदी और मेलाधिकारी मणिप्रसाद मिश्र से एकांत में गुफ्तगू की। फिर संगम नोज पर पहुंचे आजम की निगाह सबसे पहले महज बारह फीट ऊंचे इकलौते टॉवर पर पड़ी, बोल पड़े, अरे यह तो बहुत कम ऊंचा है। कल ही इसे और ऊंचा कराइए। कम से कम यहां तो दस टॉवर होने चाहिए, क्यों मंडलायुक्त साब। सर, सर करते हुए मंडलायुक्त उनके करीब आ जाते हैं। मेलाधिकारी हाथ बांधे खड़े सामने आ जाते हैं। रात के अंधेरे में भी मो. आजम की तेज निगाहें उड़ती भारी धूल को देख चुकी थीं। बोले, इतनी धूल उड़ रही है, आखिर कितने टैंकर पानी छिड़काव के लिए लगाए गए हैं? मेलाधिकारी बताते हैं कि सर, 38 टैंकर पानी का छिड़काव कर रहे हैं, जो कम है। अरे, आप लोगों को तोते की तरह रटाया गया था, फिर भी आप लोग लापरवाही करने से बाज न आए। इतना कहकर आजम संगम नोज पर टहलने लगते हैं। फट पड़े, अरे संगम पर लाइट का ये हाल है, अंधेरा छाया हुआ है। इससे अच्छी प्रकाश की व्यवस्था तो वर्ष 2006-07 के अर्द्धकुंभ में थी। बेशर्मी की हद हो गई है, मिश्रा (बिजली विभाग के एमडी एपी मिश्र की तरफ इशारा) को बता दो। सीएम से शिकायत करनी पड़ेगी। दूसरे विभागों के अधिकारियों ने राहत की सांस ली, उन पर तो कोई आंच नहीं आयी। आजम अब बड़े हनुमान मंदिर के सामने जाकर रुक जाते हैं। अरे, यह क्या शौचालय में मंत्री आजम खां घुस गए। दोबारा फट पड़े आजम, यहां तो पानी ही नहीं, अरे, हद हो गई। आने वाला श्रद्धालु तो यहां से घर वापस जाकर बीमार पड़ जाएगा। तोते की तरह रटाया था, सीएम साहब को तो अब बुलाना पड़ेगा। मेलाधिकारी का चेहरा उदास हो गया। मंडलायुक्त भी बचाव न कर सके। आखिर बुझे मन से कार में आजम बैठे, काफिला अब जल निगम के गेस्ट हाउस पर जाकर रुक गया। बताया गया अब मंत्री आजम खां आराम फरमाएंगे।
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