दाहिने भए सब देवता, बाबा के लगन क नेवता
सुनें ध्यान धर सब पुरवासी, अब नवरंग नहाई कासी। शुभ समाचार ई हौ कि माघ महीने में भोले बाबा क लगन हौ। होय गयल बरइछा तीनों लोक मगन हौ। वृथा न जाई देव-ऋषि बानी, बनिहें बहुरिया गौरा रानी। महाराज हिमवान प्रभु करिहें कन्यादान, पाणिग्रहण क साक्षी बनिहें देव-मनुज- भगवान।
सुनें ध्यान धर सब पुरवासी, अब नवरंग नहाई कासी। शुभ समाचार ई हौ कि माघ महीने में भोले बाबा क लगन हौ। होय गयल बरइछा तीनों लोक मगन हौ। वृथा न जाई देव-ऋषि बानी, बनिहें बहुरिया गौरा रानी। महाराज हिमवान प्रभु करिहें कन्यादान, पाणिग्रहण क साक्षी बनिहें देव-मनुज- भगवान।
शोध के पत्रा पंडित ज्ञानी जोड़ी सुघड़ बनउले हउवन। मार्ग शीर्ष तिथि चौदस में सुंदर लगन सुझवले हउवन। पांच दिनन क हरदी होई, फि र मटकोड़ क बात, शिव रात्रि के शाम के निकली शिव बारात।
बंसहा बैल की पीठ पर सोहिहें भोले नाथ, भैरव-बीर, डाकिनी-शाकिनी रहिहें उनक साथ। भूत-परेत, यक्ष-बैताल सबही दीहें ताल, सबहर न्योता कासी वालन के, का रईस-कंगाल। मंगल क बेला हौ मंगल गीत गावा, बाबा के दुआरी ले के पहुंच बधावा।
विनीत- गण समेत दरबार।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर