प्रधानमंत्री से वार्ता का अब मतलब नहीं
गंगा सेवा अभियानम् ने अपनी ओर से वार्ता की हर संभव कोशिश की किन्तु सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव को देखते हुए अब कोई औचित्य नहीं बनता कि प्रधानमंत्री से वार्ता की प्रतीक्षा की जाए।
वाराणसी। गंगा सेवा अभियानम् ने अपनी ओर से वार्ता की हर संभव कोशिश की किन्तु सरकार की इच्छाशक्ति के अभाव को देखते हुए अब कोई औचित्य नहीं बनता कि प्रधानमंत्री से वार्ता की प्रतीक्षा की जाए। अब संत समाज ने गंगा की राह में अपने को अर्पण कर दिया है। आगे मां गंगा की इच्छा। ऐसा कहना है अविछिन्न गंगा सेवा अभियानम् के सार्वभौम संयोजक स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का। उन्होंने कहा गंगा सदियों से सनातन मूल्यों का पोषण करती आ रही हैं। आज उनके संकट को टालने के लिए संस्कार, संवाद और संवेदन शीलता तीनों की जरूरत है। मां गंगा के उद्गम से लेकर महासागर में समाहित होने तक मां की अविरलता और निर्मलता समान रूप से बनी रहनी चाहिए। मां गंगा माला माल है। लिहाजा विश्वबैंक से कर्ज लेकर उन्हें कंगाल न बनाया जाए। बताया, मंत्रियों एवं अधिकारियों के बीच दुरभि संधि के चलते स्वामी सानंद को राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण की बैठक में हिस्सा नहीं लेने दिया गया। ऐसे में जनसामान्य का दायित्व और भी बढ़ जाता है। दूसरी तरफ तपस्थली पर शुक्त्रवार को हिंदू-मुस्लिम समाज के लोगों ने न केवल उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि गंगा में खड़े होकर उसके अविरल होने तक अभियान जारी रखने का संकल्प भी दोहराया। नगर की सामाजिक संस्था शिव काशी मंच का गंगा सेवा अभियानम् में विलय कर लिया गया। शिव काशी मंच के अध्यक्ष संजय पाण्डेय ने संस्था के सदस्यों, जिसमें मुस्लिम बंधु भी शामिल हैं, सभी ने गंगा अभियान में कंधा से कंधा मिला कर अभियानम् के निर्देश पर कार्य करने का संकल्प लिया। गंगा सेवा अभियानम् के प्रदेश समन्वयक राकेशचंद्र पाण्डेय ने सभी का स्वागत किया। इस मौके पर राजेंद्र त्रिपाठी, डॉ. गिरीशचंद्र तिवारी, डॉ. हरेंद्र राय, नरेंद्र राम त्रिपाठी, पं. पारसनाथ उपाध्याय, डॉ. आरएन दूबे, आचार्य बागीश दत्त शास्त्री, रमेश चोपड़ा, राजेश मिश्र, रमेश उपाध्याय, डॉ. गणेशदत्त शर्मा, अफसर खान, प्रमोद माझी, लियाकत अली, नासिर हुसैन, हिमांशु लखोटिया उपस्थित थे। इधर, तपस्या स्थल पर देवी पूर्णाबा व ब्रंाचारी कृष्णप्रियानंद ने उपवास जारी रखा। गंगा में गिर रहे नालों पर लगे रोक गंगा में गिर रहे नालों पर रोक लगाने की मांग को लेकर आभास ने भारत माता मंदिर में चौपाल लगाई। कहा गया कि जब तक गंगा में सीवर का गिरना बंद नहीं होता निगम को सीवर टैक्स न देने का अभियान चलाया जाएगा। संजय चौबे, रामाश्रय पटेल, आरिफ अंसारी, संजय चौरसिया, दिनेश तिवारी, समीर, नारायण आदि ने संबोधित किया।
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