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सनातनी पंचांग का लोकार्पण

केदारघाट पर विद्याश्री धर्मार्थ न्यास के नवसंवरोत्सव में विक्रम संवत 2070 के सनातनी पंचांग का सतुआबाबा पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर संतोष दास और अखिल भारतीय दंडी संन्यासी महासभा के महामंत्री स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ ने लोकार्पण किया। पंचांग के संपादक डॉ. अतुल टंडन ने काशी की सनातन परंपरा के अनुरूप नवसंत्सर का फलादेश सुनाया।

By Edited By: Published: Fri, 12 Apr 2013 11:47 AM (IST)Updated: Fri, 12 Apr 2013 11:47 AM (IST)
सनातनी पंचांग का लोकार्पण

वाराणसी। केदारघाट पर विद्याश्री धर्मार्थ न्यास के नवसंवरोत्सव में विक्रम संवत 2070 के सनातनी पंचांग का सतुआबाबा पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर संतोष दास और अखिल भारतीय दंडी संन्यासी महासभा के महामंत्री स्वामी ईश्वरानंद तीर्थ ने लोकार्पण किया। पंचांग के संपादक डॉ. अतुल टंडन ने काशी की सनातन परंपरा के अनुरूप नवसंत्सर का फलादेश सुनाया।

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उन्होंने कहा कि पराभव नामक नये संवत के राजा गुरु हैं। सांसारिक समस्याओं से त्रस्त लोग अध्यात्म की शरण में आएंगे। समाज और राजनीति पर धर्मगुरुओं का वर्चस्व बढ़ेगा। धार्मिक मुद्दे लोगों का ध्यान आकृष्ट करेंगे। शासकों पर जनहित में कार्य का दबाव पड़ेगा। संवत्सर के मंत्री शनि राजनेताओं और अधिकारियों के भ्रष्टाचार से पीडि़त जनता को अपनी आवाज उठाने के लिए प्रेरित करेंगे। ऋतुओं का अति उग्र रूप सामने आएगा। अतिवृष्टि व अनावृष्टि का भी योग है। अपर पुलिस अधीक्षक युगल किशोर तिवारी, बीएचयू के पूर्व कुलसचिव डा. गोरखनाथ तिवारी, काशी विदुषी परिषद की अध्यक्ष डॉ. सावित्री पांडेय आदि ने विचार व्यक्त किए। संचालन देवी पूर्णाम्बा, स्वागत देवी शारदाम्बा व पंचांग की सहसंपादक संध्या टंडन ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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