गंगा के समान नहीं कोई तीर्थ
भागवत कथावाचक स्वामी श्रीधराचार्य ने कहा कि गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं, कृष्ण के समान कोई देवता नहीं और गायत्री मंत्र के समान कोई मंत्र न हुआ और न होगा। उन्होंने कहा कि यह तीनों ही सनातन धर्म का आधार है।
ऋषिकेश। भागवत कथावाचक स्वामी श्रीधराचार्य ने कहा कि गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं, कृष्ण के समान कोई देवता नहीं और गायत्री मंत्र के समान कोई मंत्र न हुआ और न होगा। उन्होंने कहा कि यह तीनों ही सनातन धर्म का आधार है।
परमार्थ निकेतन में चल रही भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक अशर्फी भवन पीठाधीश्वर रामानुजाचार्य स्वामी श्रीधराचार्य ने कहा कि भागवत कथा कथाओं का सिरमौर है। कलयुग में गंगा ही मोक्ष प्राप्ति का द्वार है। परमार्थ के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि महाराज ने कहा कि कथा प्रेमी गंगा को प्रदूषण मुक्त करने का व्रत लें, यही गंगा की सच्ची सेवा होगी। उन्होंने जल संरक्षण को युगधर्म बताते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि जल स्त्रोतों के संरक्षण एवं उनके विकास को देशवासी अपना सबसे बड़ा कर्तव्य व धर्म समझें। मुनि महाराज ने स्वामी श्रीधराचार्य सहित सत्संग मंडल के सभी सदस्यों को सम्मानित भी किया।
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