गुरू के ज्ञान बिना परमात्मा प्राप्ति नहीं
सूर्यनाथ महाराज ने कहा कि जिस व्यक्ति को आनंद प्राप्त करना है उसे महापुरूषों के सानिध्य में रहकर साधना करनी होगी। इसके साथ-साथ राग-द्वेष व मोह माया से ऊपर उठना होगा। जो व्यक्ति मोह माया में फंस जाता है उसे कभी भी परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती।
खरखौदा। सूर्यनाथ महाराज ने कहा कि जिस व्यक्ति को आनंद प्राप्त करना है उसे महापुरूषों के सानिध्य में रहकर साधना करनी होगी। इसके साथ-साथ राग-द्वेष व मोह माया से ऊपर उठना होगा। जो व्यक्ति मोह माया में फंस जाता है उसे कभी भी परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती।
वे शनिवार को बजरंग धाम सोहटी में प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मनुष्य के अंदर अनंत शक्ति मौजूद है, परन्तु वह दुनिया के सुख को पाने में इतना लीन हो जाता है कि उसे कुछ दिखाई नहीं देता, यही कारण है कि मनुष्य अपने पथ से भटक जाता है। अगर मनुष्य को मुक्ति प्राप्त करनी है तो गुरूओं की शरण में आना पड़ेगा और जब तक वह गुरू नाम धारण नहीं करता तब तक उसे मुक्ति का मार्ग नहीं मिल सकता। उन्होंने कहा कि आस्था की धूनी पर कर्म के साथ किया गया तप ही जीवन में नया रंग भर सकता है। आस्था से ही सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। जब तक व्यक्ति भगवान में आस्था नहीं रखता जब तक वह अंधकार में भटकता रहता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को बुरे कर्म छोड़ कर अच्छे कार्य करने चाहिए, ताकि उसका यश चारों दिशाओं में फैल सके।
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