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सीएसए को मिला था अनधिकृत बोनस!

प्रिटोरिया। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका [सीएसए] के एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि बोर्ड के अधिकारियों को आईपीएल 2009 की मेजबानी के लिए विवादास्पद भुगतान हासिल करने से पहले ही अनधिकृत बोनस मिलना शुरू हो गया था। खेल मंत्री फिकली मबालुला ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

By Edited By: Published: Tue, 29 Nov 2011 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 29 Nov 2011 01:16 PM (IST)
सीएसए को मिला था अनधिकृत बोनस!

प्रिटोरिया। क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका [सीएसए] के एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि बोर्ड के अधिकारियों को आईपीएल 2009 की मेजबानी के लिए विवादास्पद भुगतान हासिल करने से पहले ही अनधिकृत बोनस मिलना शुरू हो गया था। खेल मंत्री फिकली मबालुला ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

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सीएसए बोर्ड की पारिश्रमिक समिति के अध्यक्ष रहे पाल हैरिस ने जज क्रिस निकोलसन की अगुवाई वाली जांच समिति की खुली सुनवाई के पहले दिन ही यह दावा किया। बुधवार को हुई सुनवाई से पहले मीडिया को दूर रखा गया था लेकिन निकोलसन ने इसे बड़े स्थान पर आयोजित करवाया और मीडिया को भी इसमें आने की अनुमति दी। हैरिस ने आईपीएल दो के लिए बोर्ड की मंजूरी के बिना सीईओ गेराल्ड मजोला और अन्य पदाधिकारियों को दिए मोटे बोनस का खुलासा किया था। इसके बाद उन्हें बोर्ड से हटा दिया गया था। उन्होंने जांच समिति को बताया कि जब दक्षिण अफ्रीका में 2007 में विश्व कप टी-20 का आयोजन किया गया तो इसी तरह का अनधिकृत पैसा मिला था। उन्होंने कहा कि तब टूर्नामेंट के निदेशक स्टीव एलोवर्थी को बोनस मिला था। हैरिस ने कहा, सीएसए के पास धन आता था और फिर उसे इधर-उधर कर दिया जाता था। मुझे लगता है कि इसी वजह से भुगतानों का खुलासा नहीं करने का चलन भी शुरू हुआ।

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