एक रन से क्लीन स्वीप से चूका भारत
चौथे दिन तक ड्रा की ओर बढ़ रहे तीसरे टेस्ट मैच में प्रज्ञान ओझा [6/47] और आर अश्विन [4/34] की जोरदार फिरकी गेंदबाजी ने भारत को जीत की राह पर ला दिया लेकिन वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने जूझारू प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को शर्मनाक हार से बचा लिया। वहीं भारत महज एक रन से टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करने से चूक गया।
मुंबई। चौथे दिन तक ड्रा की ओर बढ़ रहे तीसरे टेस्ट मैच में प्रज्ञान ओझा [6/47] और आर अश्विन [4/34] की जोरदार फिरकी गेंदबाजी ने भारत को जीत की राह पर ला दिया लेकिन वेस्टइंडीज के गेंदबाजों ने जूझारू प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को शर्मनाक हार से बचा लिया। वहीं भारत महज एक रन से टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप करने से चूक गया।
मैच का पांचवां दिन खासा रोमांचक रहा। पहली पारी के आधार पर 108 रन से पिछड़ने के बाद ओझा और अश्विन ने विंडीज की दूसरी पारी मात्र 134 रनों समेट दी जिससे भारत को जीत के लिए 64 ओवर में 243 रनों का लक्ष्य मिला। भारत को वीरेंद्र सहवाग [60 रन, 65 गेंद, 8 चौका] ने आक्रामक शुरुआत दिलाई लेकिन अहम मौकों पर विकेट गंवाने के कारण मेजबान टीम को अंतिम ओवर में नौ विकेट पर 242 रन के स्कोर के साथ सीरीज में 2-0 की जीत के साथ ही संतोष करना पड़ा। साहसिक बल्लेबाजी करते हुए विराट कोहली [63 रन, 3 चौका व 1 छक्का] ने पहली बार दोनों पारियों में अर्धशतक जमाया। इससे पहले वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों की अनुभवहीनता और भारतीय स्पिनरों के दमदार प्रदर्शन ने नीरस मैच में जान डाल दी जो कल तक ड्रा की ओर बढ़ता दिख रहा था। आज दो विकेट पर 81 रन से आगे खेलने उतरे वेस्टइंडीज ने वानखेडे़ स्टेडियम की पिच पर सुबह के सत्र में अपने अंतिम आठ विकेट सिर्फ 53 रन जोड़कर गंवा दिए।
चुनौतीपूर्ण लक्ष्य का पीछा करने उतरे भारत ने सबसे पहले गौतम गंभीर [12] का विकेट गंवाया जो लगातार दूसरी बार खराब शाट खेलकर फिदेल एडवर्ड्स की गेंद पर सैमी को कैच दे बैठे। सहवाग को छह, 13 और 27 रन के निजी स्कोर पर क्रमश: रवि रामपाल, बिशू और सैमी ने जीवनदान दिया जिसका फायदा उठाते हुए उन्होंने 61 गेंद में सात चौकों की मदद से अपने करियर का 30वां टेस्ट अर्धशतक पूरा किया। सहवाग हालांकि बिशू की गेंद पर सैमी को कैच देकर पवेलियन लौट गए। उन्होंने 65 गेंद का सामना करते हुए आठ चौके मारे। पहली पारी में सिर्फ छह रन से करियर का 100वां शतक जड़ने से चूके तेंदुलकर भी इसके बाद मार्लन सैमुअल्स की गेंद पर किर्क को कैच दे बैठे। उन्होंने सिर्फ तीन रन बनाए। चार ओवर बाद द्रविड़ भी स्थानापन्न खिलाड़ी दिनेश रामदीन को कैच दे बैठे जिससे भारत का स्कोर चार विकेट पर 113 रन हो गया। द्रविड़ के आउट होने के बाद भारत को 40 ओवर में 130 रन की जरूरत थी और विकेट से स्पिनरों को मिल रही मदद को देखते हुए भारत के लक्ष्य का पीछा करने संभावना कम ही जताई जा रही थी। वीवीएस लक्ष्मण और कोहली ने हालांकि पांचवें विकेट के लिए 52 रन जोड़कर भारत को जीत की राह पर बनाए रखा। लक्ष्मण 31 रन बनाने के बाद रवि रामपाल की गेंद को पुल करने की कोशिश में बराथ को आसान कैच दे बैठे। भारत ने इसके बाद कप्तान धौनी [13] का विकेट भी गंवा दिया जिससे टीम का स्कोर छह विकेट पर 189 रन हो गया। कोहली ने अश्विन [14] के साथ 35 रन जोड़कर भारत को लक्ष्य के करीब पहुंचाया। कोहली लेग स्पिनर बिशू की गेंद पर बैकवर्ड प्वाइंट पर सैमी को कैच देकर पवेलियन लौटे।
भारत को इस समय जीत के लिए 29 गेंद में 19 रन की जरूरत थी। अश्विन और ईशांत शर्मा [10] ने इसके बाद भारत को जीत के चार रन के दायरे में पहुंचाया लेकिन रवि रामपाल ने ईशांत को बोल्ड कर दिया। भारत को फिदेल एडवर्ड्स के अंतिम ओवर में जीत के लिए तीन रन की दरकार थी लेकिन वरुण आरोन पहली तीन गेंद में रन नहीं बना पाए। आरोन ने चौथी गेंद पर एक रन लिया जिसके बाद अश्विन ने पांचवीं गेंद खाली खेली। भारत को जीत के लिए अंतिम गेंद पर दो रन की जरूरत थी लेकिन अश्विन रन आउट होने से पहले एक ही रन ले पाए। वरुण आरोन [नाबाद 2] और अश्विन अंतिम सात गेंद में सिर्फ तीन ही रन जोड़ पाए जिससे भारत रोमांचक जीत से वंचित रह गया।
मैच का अंतिम दिन बेहद रोमांचक रहा जिसमें 17 विकेट गिरे जबकि पहले चार दिन बल्लेबाजों का दबदबा रहा था। वेस्टइंडीज के इस मुश्किल में फंसने के लिए हालांकि उसके बल्लेबाज जिम्मेदार रहे जो अंतिम दिन विकेट पर टिकने में नाकाम रहे। कल एड्रियन बराथ और किर्क एडवर्ड्स को पवेलियन भेजने वाले ओझा ने आज चार विकेट और चटकाकर सीरीज और अपने करियर में दूसरी बार पांच विकेट हासिल किए। अश्विन ने भी चार विकेट चटकाए। ओझा ने आज सबसे सलामी बल्लेबाज क्रेग ब्रेथवेट [35] को तेंदुलकर के हाथों कैच कराया लेकिन डेरेन ब्रावो [48] के आउट होने बाद वेस्टइंडीज की बल्लेबाजी ढह गई और टीम ने सिर्फ 10.3 ओवर में सात विकेट गंवाए। ब्रावो को ओझा ने अपनी ही गेंद पर लपका। मार्लोन सैमुअल्स [0] को इसके बाद ओझा की गेंद पर कप्तान धौनी ने स्टंप किया। वह ओझा का पांचवां शिकार बने। अश्विन ने विकेटकीपर कार्लटन बॉ [1] को बोल्ड करके पहली सफलता हासिल की। इस युवा स्पिनर ने इसके बाद कीरोन पावेल [11] को पगबाधा आउट करके वेस्टइंडीज का स्कोर सात विकेट पर 120 रन कर दिया। ओझा ने इसके बाद रवि रामपाल [0] को तेंदुलकर के हाथों कैच कराया जबकि अश्विन ने चार गेंद पर वेस्टइंडीज के कप्तान डेरेन सैमी और देवेंद्र बिशू को लगातार गेंदों पर पवेलियन भेजकर वेस्टइंडीज की पारी का अंत किया। ओझा ने मैच में 193 रन देकर सात जबकि अश्विन ने 190 रन देकर नौ विकेट हासिल किया। अश्विन ने सीरीज में 22 जबकि ओझा ने 20 विकेट हासिल किए। भारत की पहली पारी में शतक भी जड़ने वाले अश्विन को मैन आफ द मैच और मैन आफ द सीरीज चुना गया।
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