स्वामी सानंद का बिगड़ा स्वास्थ्य
अविरल- निर्मल गंगा की मांग को लेकर अन्न-जल त्याग चुके व इन दिनों राजकीय मंडलीय अस्पताल में तपस्यारत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का स्वास्थ्य चिंताजनक स्थिति में आ पहुंचा है।
वाराणसी। अविरल- निर्मल गंगा की मांग को लेकर अन्न-जल त्याग चुके व इन दिनों राजकीय मंडलीय अस्पताल में तपस्यारत स्वामी ज्ञानस्वरूप सानंद का स्वास्थ्य चिंताजनक स्थिति में आ पहुंचा है।
ऐसे में 17 मार्च शनिवार को स्वामी सानंद द्वारा ड्रिप निकाल देने की घोषणा ने चिकित्सकों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों की नींद उड़ा दी है। उपचार में लगी अस्पताल के चिकित्सकों की टीम ने शुक्रवार को उनका स्वास्थ्य हालांकि स्थिर बताया। वजन पहले की ही तरह आज भी 48 किलो था और पल्स रेट 60 था लेकिन ब्लड प्रेशर सुबह जहां 130/70 था वहीं शाम को 148/72 आंका गया जो चिकित्सकों के अनुसार स्वास्थ्य की दृष्टि से अच्छा संकेत नहीं है। शाम को स्वामी जी के स्वास्थ्य की जांच करने के बाद वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि स्वामी सानंद का स्वास्थ्य अच्छा नहीं कहा जा सकता। वह 11 मार्च से ड्रिप पर हैं। मुंह से कुछ नहीं लिया लिहाजा शरीर में प्रोटीन, विटामिन, आयरन, फैट की लगातार कमी होती जा रही है। उनके अनुसार ब्लडप्रेशर का बढ़ना और मूत्र में टीटोन का मौजूद रहना स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है।
ग्लूकोज के जरिए शरीर को कुछ दिनों तक बचाया जा सकता है लेकिन इसके साथ अन्न-फल का भी शरीर में जाना बेहद जरूरी है। ऐसी स्थिति में यदि वह शनिवार को ड्रिप निकालते हैं तो स्थिति बिगड़ सकती है।
स्वामीजी अपने निश्चय पर अडिग दिखे। बोले-सरकार की मंशा गंगा के प्रति साफ नहीं है। गुरुवार को केंद्रीय पर्यावरण मंत्री का पत्र मिला और मैने बमुश्किल एक घंटे के ही अंदर बजरिए मेल उसका उत्तर भी दे दिया लेकिन अब तक उधर से जवाब नहीं आया। यदि सरकार अपनी जिद पर है तो मैं भी अपनी जिद पर हूं। आगे फैसला ईश्वर के हाथ में है। हम चाहते हैं कि प्राधिकरण की बैठक वाराणसी में हो और गंगा की दशा को सामने रख इसकी दशा सुधारने का निर्णय किया जाए। स्वामी सानंद के स्वास्थ्य के बाबत उनका कहना था कि चिकित्सकों ने तो स्थिर बताया है लेकिन स्वामी जी कमजोरी महसूस कर रहे हैं।
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