गिरिराज पूजन से मिटती घमंड की भावना
युवा भागवत आचार्य ब्रजबिहारी ने माखन चोरी और गोवर्धन लीला के प्रसंग को सजीव रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य को पद, यश, वैभव का घमंड नहीं करना चाहिए। समय आने पर वह अवश्य चूर-चूर होता है।
आगरा। युवा भागवत आचार्य ब्रजबिहारी ने माखन चोरी और गोवर्धन लीला के प्रसंग को सजीव रूप से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि मनुष्य को पद, यश, वैभव का घमंड नहीं करना चाहिए। समय आने पर वह अवश्य चूर-चूर होता है।
नेहरू नगर के राधाकृष्ण मंदिर पर हो रही भागवत कथा में उन्होंने कहा कि जब इंद्र को घमंड हो गया तो उसका मर्दन भगवान कृष्ण ने किया था। अत: गोवर्धन पूजन करने से मनुष्य को प्रेरणा मिलती है कि वह किसी प्रकार का घमंड नहीं करे। माखन चोरी लीला के बारे में उन्होंने बताया कि हमारा मन ही माखन है। यदि हमने अपने मन रूपी माखन को निर्मल रखेंगे तो भगवान उसे अवश्य चुरा लेंगे।
फूलों की हुई जमकर होली-
पुरुषोत्तम मास के अंतर्गत यमुना किनारा स्थित मथुराधीश मंदिर में फूलों की होली हुई। दो कुंतल गुलाब के फूलों के साथ इत्र, गुलाबजल से भक्त और भगवान ने होली खेली। कार्यक्त्रम में रीतेश खंडेलवाल, मुकेश, गौरव, राधे श्रोत्रिय, जुगल, अभिनव, दिलीप आदि ने पूजन किया।
रुक्मिणि विवाह पर झूमे श्रद्धालु-
आरके पुरम फेस 2 में आयोजित भागवत कथा में कृष्ण-रुक्मिणि विवाह का प्रसंग प्रस्तुत किया गया। जिसमें भागवत आचार्य सुनील मुद्गल ने विवाह के प्रसंग को बेहतर तरीके से प्रस्तुत किया। इस दौरान मंगलगान गूंज उठे। उन्होंने सुदामा और कृष्ण की मित्रता के महत्व को बताया। परीक्षित विष्णु कुमार के अलावा सुनील मेहरा, एसके बत्रा आदि ने पूजन किया।
गुणों से होती है पहचान
छीपीटोला स्थित निर्मल सेवा सदन में दिगंबर जैन आचार्य विशुद्ध सागर ने कहा कि तन से नहीं गुणों से मनुष्य की पहचान होती है। व्यक्ति के कार्य ही उसे आगे बढ़ाते हैं।
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