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गुरुद्वारों में गूंजेगी गुरुओं की वाणी

गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी पर्व पर शनिवार को कई आयोजन होंगे। गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया है।

By Edited By: Published: Sat, 24 Nov 2012 03:21 PM (IST)Updated: Sat, 24 Nov 2012 03:21 PM (IST)
गुरुद्वारों में गूंजेगी गुरुओं की वाणी

आगरा। गुरु तेग बहादुर साहिब के शहीदी पर्व पर शनिवार को कई आयोजन होंगे। गुरुद्वारों में कीर्तन दरबार का आयोजन किया गया है।

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गुरुद्वारा गुरु तेग बहादुर साहिब की यादों को ताजा करता है गुरुद्वारा गुरु का ताल। गुरुद्वारा के प्रमुख संत प्रीतम सिंह ने बताया कि 24 नवंबर को गुरुद्वारा परिसर में मुख्य कार्यक्त्रम सायं 6 बजे भाई नंदलाल हॉल में होगा, जिसमें गंगा नगर वाले भाई गगनदीप सिंह संगत को निहाल करेंगे। इससे पूर्व परिसर में ही स्थित गुरुद्वारा मंजी साहिब में प्रात: 10 बजे अखंड पाठ साहिब का समापन होगा। हजूरी रागी भाई कुलदीप सिंह, हजूरी रागी भाई करनैल सिंह द्वारा शबद कीर्तन किया जाएगा।

गुरु सिंह सभा के प्रधान कंवलदीप सिंह के अनुसार शनिवार को प्रात:कालीन बेला में शबद पाठ होगा। कीर्तन दरबार का आयोजन दोपहर दो बजे तक होगा। जिसमें अखंड कीर्तनी जत्था के भाई जसपाल सिंह, पटियाला वाले भाई रविंद्र सिंह राज, गुरुद्वारा माईथान के हजूरी रागी भाई प्रेम सिंह, सुखमनी सेवा सभा के भाई महेंद्रपाल सिंह शबद कीर्तन करेंगे।

आगरा में हुई थी गिरफ्तारी-

गुरुद्वारा गुरु का ताल परिसर में गुरुद्वारा मंजी साहिब ऐतिहासिक गुरुद्वारा है। तब यहां बगीचे थे। मुगल शासक औरंगजेब का शासनकाल था।

दिल्ली से यात्रा करके गुरु महाराज बगीचे में प्रवास कर रहे थे। गुरु तेग बहादुर सिंह साहिब को अक्टूबर 1675 में बंदी बनाया गया था। औरंगजेब ने उन्हें पकड़वाने वाले को 500 मोहरें देने की घोषणा कर रखी थी। एक चरवाहे की सूचना पर उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

जस्सी माता ने भेंट किया था थान

इससे पूर्व गुरु तेग बहादुर साहिब भ्रमण करते हुए माईथान आये थे। यहां माता जस्सी रहती थीं।

उन्होंने अपने हाथ से काते गये सूत से कपड़े का एक थान बनाया था। जिसे उन्होंने गुरु महाराज कोभेंट किया, उन्हीं माता के नाम पर गुरुद्वारा माईथान स्थापित किया गया। क्षेत्र का नाम भी माईथान है।

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