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भक्तों के लिए पुराने स्वरूप में आ गई गंगा

मकर संक्रांति से कुछ दिन पहले तक गंगा नदी का बीओडी लेवल छह के आसपास रहा। इसमें सुधार के लिए हाईकोर्ट को भी फरमान जारी करना पड़ा। अब ठीक मकर संक्रांति पर गंगा का पुराना स्वरूप देख दिग्गज अभियंता पहले हतप्रभ हुए और फिर भक्तिभाव में डूब गए।

By Edited By: Published: Tue, 15 Jan 2013 11:13 AM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2013 11:13 AM (IST)
भक्तों के लिए पुराने स्वरूप में आ गई गंगा

कुंभनगर [आशुतोष तिवारी]। मकर संक्रांति से कुछ दिन पहले तक गंगा नदी का बीओडी लेवल छह के आसपास रहा। इसमें सुधार के लिए हाईकोर्ट को भी फरमान जारी करना पड़ा। अब ठीक मकर संक्रांति पर गंगा का पुराना स्वरूप देख दिग्गज अभियंता पहले हतप्रभ हुए और फिर भक्तिभाव में डूब गए।

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महीने भर से गंगा की लहरों के तगड़े झटके से संगम के आसपास के तटों का टूटना जारी था। सारे प्रयास निरर्थक साबित हो रहे थे। जलधारा नियंत्रित करने में लगे सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता जेपी वर्मा तनाव में चल रहे थे। वह बताते हैं, इसे नियंत्रित करने में दर्जनों ठेकेदारों और हजारों मजदूरों को लगाया गया, सलोरी से लेकर संगम तक कई सौ क्रेट्स (बांस की बल्लियों के ढांचे में बालू की बोरियों का ढेर) लगाए गए। मगर तटों का टूटना-बहना जारी था। किसी तरह प्रयास करके मकर संक्रांति के ठीक एक दिन पहले हमने 19 घाट बना लिए थे। तकनीकी इंतजाम के बावजूद हम गंगा से लगातार प्रार्थना कर रहे थे, वह थोड़ा शांत हो जाएं, वही हुआ भी। उन्होंने हमारे 19 घाटों को कोई नुकसान नहीं होने दिया। श्री वर्मा के मुताबिक पिछले तीन दिन में जलस्तर में दो बार तीन-तीन सेमी वृद्धि दर्ज की गई और लहरों की गति भी। नरौरा बांध से छोड़े गए पानी को धीरे-धीरे इलाहाबाद तक लाया गया है। यदि ऐसा न किया जाता तो तटों को और अधिक नुकसान पहुंचता। मगर मकर संक्रांति के एक दिन पहले लहरों में वह उफान न रहा, जो एक दिन पहले तक दिखाई पड़ रहा था।

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी सिकंदर का कहना है कि जलस्तर में तो कई दिनों से वृद्धि हो रही थी, मगर बीओडी लेवल पांच से नीचे नहीं हो रहा था। मकर संक्रांति तक गंगा का बीओडी लेवल 3.6 तक जा पहुंचा। इसका कलर भी 15 हैजन हो गया है, यानी रंगहीन, जो काफी पानी होने के बाद ही देखने को मिलता है। यमुना का बीओडी लेबल भी महीने भर पहले पांच के आसपास था, वह भी इस समय दो पर पहुंच गया है। इस परिवर्तन से सिकंदर खुश हैं और हतप्रभ भी। गंगा की तरह यमुना में काफी सुधार देखा गया। महीने भर पहले यमुना का बीओडी भी छह के आसपास था, जो 14 जनवरी तक इसका बीओडी लेवल दो के आसपास पहुंच गया। इसे भी संयोग से जोड़कर देखा जा रहा है।

यह रहा जलस्तर

11 जनवरी-

फाफामऊ-76.51 मीटर

छतनाग-71.63 मीटर 13 जनवरी-

फाफामऊ-76.57

छतनाग-71.66 14 जनवरी-

फाफामऊ-76.60

छतनाग-71.69 बीओडी लेबल का ग्राफ

गंगा नदी का

9 जनवरी-पांच के ऊपर

14 जनवरी-3.6 यमुना नदी का

महीने भर पहले-6

14 जनवरी-1.8

ये रहे प्रयास नरौरा से ढाई हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

13 जनवरी को 400 क्यूसेक अतिरिक्त पानी फिर नरौरा बांध से छोड़ा गया।

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