गर्भगृह के दरवाजे का रजत पत्तर उखड़ा
काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह के दक्षिणी दरवाजे में लगा चांदी का पत्तर बृहस्पतिवार को उखड़ कर गिर पड़ा। दर्शनार्थियों की उस पर नजर पड़ी और सुरक्षाकर्मियों को जानकारी दी। अपर मुख्य कार्यपालक की उपस्थिति में उसे काउंटर पर जमा कराया गया। पत्तर का आकार दो फुट लंबा और चार इंच चौड़ा है।
वाराणसी। काशी विश्वनाथ मंदिर में गर्भगृह के दक्षिणी दरवाजे में लगा चांदी का पत्तर बृहस्पतिवार को उखड़ कर गिर पड़ा। दर्शनार्थियों की उस पर नजर पड़ी और सुरक्षाकर्मियों को जानकारी दी। अपर मुख्य कार्यपालक की उपस्थिति में उसे काउंटर पर जमा कराया गया। पत्तर का आकार दो फुट लंबा और चार इंच चौड़ा है।
गर्भगृह में सायंकाल 7.30 बजे सप्तर्षि आरती हो रही थी। आरती की झांकी लेने के लिए चारों द्वारों पर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई थी। इस बीच लकड़ी के दरवाजे पर लगाया गया पत्तर रगड़ खाकर गिर पड़ा। दरवाजे पर लगे चांदी के पत्तरों की छह वर्ष पहले मरम्मत भी कराई गई थी। रोजाना की धुलाई से लकड़ी गलने से पत्तर कई जगह से उखड़ चुके हैं। इसके बाद भी इनका रख रखाव नहीं कराया गया। मालूम हो कि लगभग छह माह पहले एक स्वर्ण जडि़त उपशिखर भी गिर पड़ा था। उसे वजन कर भंडार के डबल लॉक में रखवा दिया गया। अभी तक उसे पुन: स्थापित नहीं कराया जा सका है। उधर अधिकारियों का कहना है कि पत्तर शुक्रवार को फिर से दरवाजे में लगवाया जाएगा। नए सिरे से मरम्मत कराई जाएगी। वीआइपी को भी लेना होगा टिकट
काशी विश्वनाथ मंदिर में अब भोग आरती के लिए वीआइपी को भी टिकट कटाने होंगे। इसके बिना उन्हें पूजन अनुष्ठान या आरती की विशेष सुविधा नहीं दी जाएगी। इस संबंध में मंडलायुक्त चंचल तिवारी ने बृहस्पतिवार को अधिकारियों -पुजारियों को निर्देश दिए। वह मुख्य कार्यपालक पीएन द्विवेदी के साथ अपराह्न में मंदिर पहुंचे थे। दोनों अधिकारियों ने काउंटर पर खड़े होकर भोग प्रसाद के लिए 51-51 रुपये का टिकट कटवाया और प्रसाद ग्रहण किया। कहा बाबा दरबार में सभी समान हैं, किसी के लिए भी नियमों का उल्लंघन नहीं किया जाना चाहिए।
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